तरन तारन: किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने के आरोपी व्यक्ति के परिवार ने कहा है कि वह निर्दोष है क्योंकि वह अपने साथी प्रदर्शनकारी के कहने के बाद झंडे के खंभे पर चढ़ा था। मेहल सिंह ने बताया कि उनका पोता जुगराज केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के एक समूह के साथ उनके आंदोलन में तथा ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के लिये दिल्ली सीमा पर गया था। ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने के बाद भारी आक्रोश पैदा हो गया है।
पंजाब के तरन तारन जिले के वान तारा सिंह गांव के रहने वाले मेहल ने कहा कि लाल किले पर सिख धर्म का प्रतीक ‘निशान साहिब’ लगाने की जुगराज की कोई मंशा नहीं थी। मेहल ने कहा, ‘‘एक साथी प्रदर्शनकारी ने उससे (जुगराज से) ध्वज के खंभे पर चढ़ने के लिये कहा क्योंकि इससे पहले दूसरे लोग ऐसा नहीं कर सके थे। जुगराज इसके बाद उस पर चढ़ने और धार्मिक झंडा लगाने के लिये तैयार हो गया।’’ मेहल ने अपने पोते के बारे में कहा, ‘‘वह निर्दोष है।’’
उन्होंने आशंका जतायी कि जुगराज को पकड़ने के लिये पुलिस अब उनके घर पर छापेमारी करेगी। जुगराज, बदलदेव सिंह का बेटा है। बलदेव के तीन और बच्चे हैं। गांव में परिवार के पास तीन एकड़ कृषि भूमि है। बता दें कि हाथों में लाठी, तिरंगा और यूनियन के झंडे लिये हजारों किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टरों पर सवार होकर विभिन्न स्थानों पर अवरोधकों को तोड़ते हुए राजधानी में प्रवेश कर गये जिनकी विभिन्न जगहों पर पुलिस के साथ झड़प हुयी।
इनमें से कुछ किसान लाल किले की घेराबंदी करने के लिये विभिन्न प्रवेश बिंदुओं से निकल पड़े। लाल किले में प्रवेश करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने ‘निशान साहिब’ एवं किसानों का झंडा ध्वज के खंभे पर लगा दिया जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश पैदा हो गया। निशान साहिब झंडा सिख धर्म का प्रतीक है और यह सभी गुरुद्वारा परिसरों में दिखता है।
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