नई दिल्ली: सीबीआई के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि जवाब देने में इसलिए देर हुई क्योंकि केस से जुड़ी फाइलें केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास भेजी गई हैं। सीबीआई ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से और वक्त मांगा और दोनों अधिकारियों ने इस मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की। जिसपर उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह दोनों अधिकारियों की अर्जी पर एक नवंबर या उससे पहले जवाब दाखिल करे।
उच्च न्यायालय ने अस्थाना और सीबीआई के एक अन्य अधिकारी की अर्जियों पर जवाब दाखिल नहीं करने को लेकर जांच एजेंसी पर सवाल उठाए है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आदेश दिया कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कार्यवाही पर वह यथास्थिति बनाए रखे। आपको बता दें कि अस्थाना को सरकार ने छुट्टी पर भेजा हुआ है।
उच्च न्यायालय ने बिचौलिये मनोज प्रसाद की याचिका पर सीबीआई से जवाब तलब किया। प्रसाद ने रिश्वतखोरी के मामले, जिसमें अस्थाना का भी नाम सामने आया है, में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह 31 अक्टूबर को या इससे पहले प्रसाद की अर्जी पर जवाब दाखिल करे। इस मामले में अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी।
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