चंडीगढ़: हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने 700 निजी बसों को लाये जाने संबंधी राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ अपनी हड़ताल को 22 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। इस बीच कर्मचारियों की हड़ताल शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रही जिस वजह से यात्रियों को असुविधा हुई। रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने बुधवार को अपनी हड़ताल दो और दिन बढ़ाये जाने की घोषणा की थी और शुक्रवार को इसे और 72 घंटे बढ़ाये जाने का फैसला किया। यूनियन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनकी मांगों को लेकर ‘‘उदासीन रवैया’’ अपना रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नेताओं को कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों को उठाने का अधिकार है, लेकिन राज्य की नीतियों से संबंधित निर्णयों में हस्तक्षेप करने का उन्हें अधिकार नहीं है। खट्टर ने कहा कि 700 निजी बसों को लाये जाने का निर्णय एक नीतिगत मामला है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा,‘‘जहां तक कर्मचारियों के मुद्दों का सवाल है, वे इन्हें उठा सकते हैं, लेकिन उन्हें सरकार के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।’’ सर्व कर्मचारी संघ की राज्य इकाई के अध्यक्ष धर्मबीर फोगाट ने कहा,‘‘700 निजी बसों को लाने के कदम के जरिये, राज्य सरकार रोडवेज के पूर्ण निजीकरण के लिए दरवाजों को खोलना चाहती है। हम पूछ रहे हैं कि इस नीति से किसका फायद होगा। इसके लिए सरकार के अलावा लोगों या अन्य किसी ओर से कोई मांग नहीं है।’’
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