चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा के नेता और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने गुरुवार को केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैं पूरी तरह से इन कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ खड़ा हूं। मुझे लगता है कि ये कानून न केवल किसान विरोधी हैं बल्कि इसे अगर लागू किया जाता है तो इसका समाज के अन्य वर्गों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने पुष्टि की कि उन्होंने नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। तीन बार विधायक रह चुके माजरा 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इनेलो छोड़कर भाजपा में आए थे। उन्होंने पिछले साल सितंबर में केंद्र के कृषि कानूनों को "किसान विरोधी" करार दिया था। उन्होंने कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर आशंकाएं निराधार नहीं हैं।
कृषि कानूनों को लेकर अबतक 2 दलों ने छोड़ा NDA का साथ
नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) से एकमात्र मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार से अलग हो गईं थीं। इसके बाद एनडीए के सहयोगियों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने भी आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में एनडीए (NDA) से अलग हो चुका है।
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