नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को कोरोना संकट से निपटने के लिए जो चिट्ठी लिखी है उस चिट्ठी का जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दिया है और चिट्ठी में उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह को कहा है कि जिस Constructive Coopration की उन्होंने सलाह दी है, अच्छा होता कि उनकी कांग्रेस पार्टी के नेता भी उस सलाह को मानते। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चिट्ठी का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी के कई नेता सार्वजनिक तौर पर तो वैक्सीन की बुराई करते हैं लेकिन खुद चुपके से वैक्सीन लगवा लेते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दुनियाभर में भारत ही एकमात्र विकासशील देश है जिसके पास कोरोना से लड़ाई में 2 वैक्सीन है और यह भारत के लिए गर्व का विषय है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने वैज्ञानिकों की प्रशंसा में एक शब्द तक नहीं कहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने मनमोहन सिंह की चिट्ठी के जवाब में कहा कि आप जहां वैक्सीनेशन की महत्व समझते हैं, लेकिन यह दुखद है कि आपकी पार्टी में प्रमुख पदों पर बैठे कुछ लोग और आपकी पार्टी की राज्य सरकारों के मुखिया आपके जैसा नजरिया नहीं रखते।
चिट्ठी का जवाब देते हुए डॉक्टर हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के कई सदस्यों और कांग्रेस के शासन वाली राज्य सरकारों ने वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए और देश के नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं के गैर जिम्मेदाराना बयानों की वजह से कुछ कांग्रेस शासित राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीकाकरण की दर राष्ट्रीय औसत से भी कम रही। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसा करने वाले राज्यों से जो कोरोना के मामले सामने आए हैं उनकी वजह से देश के कोरोना मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और ऐसे राज्यों में कोरोना टेस्टिंग के बाद पॉजिटिव होने की दर भी ज्यादा है।
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण खराब होते हालातों को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन को बढ़ाने का सुझाव दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री ने पत्र में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को हामारी प्रबंधन का बड़ा हिस्सा बताया और उसका विस्तार किए जाने का सुझाव दिया था। उनके इसी पत्र का जवाब डॉ. हर्षवर्धन ने दिया है।
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