केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की मां का निधन, एम्स को नेत्र दान किया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन की मां का रविवार सुबह निधन हो गया। वह 89 वर्ष की थीं। मंत्री ने ट्विटर पर बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मां का निधन हुआ। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘पूजनीय माता जी की इच्छानुसार, उनके निधन के तुरंत बाद, उनका नेत्रदान एम्स दिल्ली में संपन्न हुआ।
नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन की मां का रविवार सुबह निधन हो गया। वह 89 वर्ष की थीं। मंत्री ने ट्विटर पर बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मां का निधन हुआ। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘पूजनीय माता जी की इच्छानुसार, उनके निधन के तुरंत बाद, उनका नेत्रदान एम्स दिल्ली में संपन्न हुआ। सूत्रों ने बताया कि उनकी मां का पार्थिव शरीर दोपहर में मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंप दिया गया।
मंत्री ने कहा, ‘‘उनका देहदान हम सभी को सदैव समाज के लिए जीने की प्रेरणा देता रहेगा।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘आपको बड़े ही दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि धरती पर मेरे सबसे प्रिय व्यक्ति, मेरी मां, का निधन हो गया है। वह 89 वर्ष की थीं और उन्हें आज सुबह दिल का दौरा पड़ा था। मेरी पथ प्रदर्शक के गुजर जाने से मेरे जीवन में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे कोई नहीं भर सकता है। उनकी आत्मा को शांति मिले।’’
केंद्र ने पांच राज्यों, एक केंद्रशासित प्रदेश से कोविड-19 जांच बढ़ाने को कहा
केंद्र ने पांच राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश से संक्रमण की दर पांच प्रतिशत से नीचे लाने के लिए निषिद्ध उपाय मजबूत करने तथा जांच बढ़ाने को कहा है। इन राज्यों के 35 जिलों में कोविड-19 के मामलों की संख्या और मृत्यु दर अधिक है। इन 35 जिलों में दिल्ली के सभी 11 जिले, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना, महाराष्ट्र में पुणे, नागपुर, ठाणे, मुंबई, मुंबई उपनगर, कोल्हापुर, सांगली, नासिक, अहमदनगर, रायगढ़, जलगांव, सोलापुर, सतारा, पालघर, औरंगाबाद, धुले और नांदेड, गुजरात में सूरत, पुडुचेरी में पांडिचेरी और झारखंड में पूर्वी सिंहभूम शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में इन राज्यों से वायरस के प्रसार की कड़ी को तोड़ने के लिए सख्त नियंत्रण सुनिश्चित करने, पहले से बीमारियों की चपेट में रहे व्यक्तियों और बुजुर्ग आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए संक्रमित मामलों का पता लगाने की प्रक्रिया मजबूत करने, जांच में तेजी लाने और आरटी-पीसीआर जांच क्षमता का अधिकतम उपयोग करने को कहा गया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोविड-19 प्रबंधन को लेकर इन पांच राज्यों और एक केन्द्रशासित प्रदेश के स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की जिनके क्षेत्राधिकार के तहत उक्त 35 जिले आते हैं।
जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों को महामारी के प्रबंधन के प्रयासों को जारी रखने के लिए जिला विशिष्ट योजनाएं तैयार करने और अद्यतन करने की सलाह दी गई। राज्यों को यह भी सलाह दी गई कि वे प्रभावी संक्रमण नियंत्रण उपायों के लिए घर में पृथक-वास के मामलों की प्रभावी निगरानी करें और बीमारी बढ़ने पर मरीजों को शीघ्र अस्पताल में भर्ती कराएं, ऐसे रोगियों को चिकित्सकीय सहायता के लिए जल्दी अस्पताल में भर्ती कराएं जिन्हें इसकी जरूरत है, विशेष तौर पर ऐसे मरीजों को जो पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं या बुजुर्ग हैं। साथ ही उनसे कहा गया कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संक्रमित होने से बचाने के लिए अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण उपाय करें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार कोविड-19 महामारी की निगरानी कर रहा है और राज्य तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ प्रभावी संवाद कर रहा है जिससे उन जिलों के प्रशासन का प्रभावी प्रबंधन के लिए उचित मार्गदर्शन किया जा सके जहां कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है और उपचाराधीन मामले एवं मृत्यु दर अधिक है। इसके अलावा इस डिजिटल बैठक में राज्य के स्वास्थ्य सचिव, जिलाधिकारियों के अलावा प्रभावित जिलों के नगर आयुक्तों और अन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।
राज्य के स्वास्थ्य सचिवों ने इन जिलों में कोविड-19 की वर्ततान स्थिति का एक विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया। मंत्रालय ने कहा कि इसमें रोकथाम के उपाय, संक्रमित लोगों के संपर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाया जाना, निगरानी गतिविधियां आदि शामिल था। इसने कहा कि उन्होंने अगले एक महीने के लिए विस्तृत रूपरेखा और कार्ययोजना पर भी चर्चा की। सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़े के अनुसार एक दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड 90,632 नए मामले सामने आने से भारत में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 41,13,811 हो गई जबकि पिछले 24 घंटे में 1,065 और मरीजों की मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 70,626 हो गई।