देहरादून: एम्स ऋषिकेश और दून मेडिकल कॉलेज में आईसीयू बेड नहीं मिलने के चलते हरिद्वार महाकुंभ में शामिल होने आए 70 वर्षीय एक साधु की हरिद्वार के कोविड केयर सेंटर में मौत हो गई। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कोविड का पता चलने पर बैरागी अखाड़ा स्थित एक कोविड केयर सेंटर में उन्हें भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें बाबा बर्फानी कोविड केयर सेंटर में भेजा गया लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई।
सूत्रों के मुताबिक रविवार को एक एम्बुलेंस उन्हें लेकर एम्स ऋषिकेश गई लेकिन अस्पताल ने यह कहकर लौटा दिया कि उनके पास एक भी आईसीयू बेड खाली नहीं है। इसके बाद एम्बुलेंस उन्हें दून मेडिकल कॉलेज ले गई। दून मेडिकल कॉलेज से भी उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि आईसीयू बेड खाली नहीं है। इसके बाद उन्हें वापस हरिद्वार के ही कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया गया जहां सोमवार दोपहर को उन्होंने आखिरी सांस ली। हरिद्वार के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचडी शाक्य ने बताया कि कोई भी शव का दावा करने नहीं आया और यह भी नहीं है कि वह किस अखाड़े का था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया।
ऋषिकेश एम्स के डॉ. यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स में 180 आईसीयू बेड हैं और सभी फुल हैं। इमरजेंसी डिपार्टमेंट में मरीज इंतजार कर रहे हैं कि कोई बेड खाली हो तो उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट में जगह मिल जाए। उन्होंने बताया कि अस्पताल ने कोविड के चलते ओपीड सेवाएं बंद कर दी है। यहां मरीजों की तादाद इतनी है कि 200 आईसोलेशन बेड भी फुल हो गए हैं। कमोबेश यही हालात दून मेडिकल कॉलेज की भी है। यहां आईसीयू के 50 बेड हैं और सभी 50 वेंटिलेटर वाले बेड हैं, ये सभी बेड फुल हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी ऐसे ही हालात हैं। कैलाश हॉस्पिटल के पवन शर्मा ने बताया कि उनके यहां आईसीयू के 50 बेड और वेंटिलेटर वाले 28 बेड फुल हैं।
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