हार्दिक पटेल की स्पेक्ट्रोग्राफी पूरी, किए कई बड़े खुलासे
सूरत: पाटीदार आंदोलन के कन्वीनर हार्दिक पटेल की सूरत पुलिस ने आज स्पेक्ट्रोग्राफी करवाया जिसमे हार्दिक ने आंदोलन को लेकर कई बड़े खुलासे किये है । सूरत पुलिस कमिश्नर के मुताबिक हार्दिक ने आंदोलन के
सूरत: पाटीदार आंदोलन के कन्वीनर हार्दिक पटेल की सूरत पुलिस ने आज स्पेक्ट्रोग्राफी करवाया जिसमे हार्दिक ने आंदोलन को लेकर कई बड़े खुलासे किये है । सूरत पुलिस कमिश्नर के मुताबिक हार्दिक ने आंदोलन के पीछे कौन है उन लोगो का भी खुलासा अपने स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट में किया गया है ।
मंगलवार को हार्दिक पटेल को सूरत पुलिस ने राजकोट से हिरासत में लेने के बाद सूरत ज्यूडिशियल कोर्ट में प्रोड्यूस कर 3 दिन का रिमांड हांसिल किया था और बुधवार को उससे अहमदाबाद में उसका स्पेक्ट्रोग्राफी टेस्ट करवाया गया ।
हार्दिक पटेल पर देशद्रोह मामले में एक और FIR
वहीं हार्दिक और 5 अन्य के खिलाफ अहमदाबाद की अपराध शाखा की ओर से देशद्रोह का एक और मामला दर्ज किया गया है। अपराध शाखा ने हार्दिक के 2 करीबी साथियों को भी गिरफ्तार किया है। इस बीच, गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पुलिस के खिलाफ एक बयान आखिर देशद्रोह कैसे हो सकता है। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के दिनेश पटेल और चिराग पटेल को गुजरात हाई कोर्ट परिसर के बाहर से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वे कोर्ट से बाहर निकल रहे थे।
सूरत पुलिस पहले ही हार्दिक के खिलाफ देशद्रोह का गंभीर आरोप लगाकर एक मामला दर्ज कर चुकी है। हार्दिक ने पुलिस की इस कार्रवाई हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हार्दिक अभी सूरत पुलिस की हिरासत में है। अपराध शाखा में सहायक पुलिस आयुक्त के एन पटेल ने कहा कि ट्रांसफर वारंट प्राप्त कर मौजूदा मामले में भी हार्दिक को गिरफ्तार किया जा सकता है।
सूरत पुलिस की ओर से दर्ज मामले में हार्दिक पर आरोप है कि उसने एक पटेल युवक को इस बात के लिए उकसाया कि वह आत्महत्या की बजाय पुलिसकर्मियों की हत्या करे। अपराध शाखा की ओर से आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 124 (देशद्रोह - सरकार के खिलाफ नफरत, अवमानना या विद्रोह लाना), 153-ए (विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करना) और 153-बी (राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ काम करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सहायक पुलिस आयुक्त के एन पटेल दूसरे मामले में शिकायतकर्ता हैं। के एन पटेल ने कहा कि हम उन पर पिछले तीन महीने से नजर रख रहे थे। 25 अगस्त को जीएमडीसी ग्राउंड पर पटेलों की महारैली के बाद हमने पाया कि आरोपियों ने लोगों को हिंसा करने के लिए भड़काया। उन्होंने सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए फोन कॉल किए और मीडिया का इस्तेमाल किया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमारी निगरानी के मुताबिक उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों से कहा था कि वे पुलिस चौकियों और सार्वजनिक परिवहन की बसों को आग के हवाले कर दें, विधायकों के मकानों पर पथराव करें, हमले करें और यहां तक कि विधानसभा मे बम हमला करें। उन्होंने सरकार गिराने की भी साजिश रची थी। प्राथमिकी में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के छह पदाधिकारियों को नामजद किया गया है जनमें हार्दिक पटेल, दिनेश पटेल, चिराग पटेल और अल्पेश पटेल शामिल हैं।
इससे पहले, हार्दिक के पिता भरत पटेल की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला ने सरकारी वकील मितेश अमीन से यह स्पष्ट करने को कहा कि आखिर इस मामले में देशद्रोह का आरोप कैसे लगाया गया। न्यायाधीश ने यह भी पूछा कि क्या पुलिसकर्मियों की हत्या करने की हार्दिक की सलाह से आईपीसी की धारा 153-ए के तहत मामला बनता है। अदालत इस मामले पर अब 23 अक्तूबर को सुनवाई करेगी। हार्दिक के पिता ने अपनी अर्जी के जरिए अपने बेटे पर लगाए गए देशद्रोह के आरोप को रद्द करने की गुहार लगाई है ।