नई दिल्ली. भगवान राम के परम भक्त की पूजा पूरे हिंदुस्तान में होती है। भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश अपने-अपने दावे करते हैं। दोनों ही राज्यों का कहना है कि हनुमान जी का जन्म स्थान उनके क्षेत्र में है। हालांकि अब कर्नाटक के शिवमोगा में एक अन्य धार्मिक प्रमुख ने हनुमान के जन्म स्थान को लेकर नया दावा किया है। उनका कहना है कि भगवान राम के सबसे विश्वास पात्र हनुमान जी का जन्म जन्म कर्नाटक के उत्तरा कन्नड़ जिले के तीर्थस्थल गोकर्ण में हुआ था। इससे पहले कर्नाटक की तरफ से ये दावा किया जाता रहा है कि हनुमान का जन्म हकोप्पल जिले के एंगुंडी के पास किष्किंधा में अंजनद्री पहाड़ी पर हुआ था। वहीं आंध्र प्रदेश का दावा है कि हनुमान जन्मभूमि तिरुपति की सात पहाड़ियों में से एक पर है - जिसे अंजनद्री भी कहा जाता है।
हनुमान जन्म स्थान के बारे में नया दावा करने वाले शिवमोगा की रामचंद्रपुरा मठ के प्रमुख राघवेश्वरा भारती रामायण का जिक्र करते हुए कहते हैं कि हनुमान ने सीताजी को बताया था कि उनका जन्म समुद्र तटीय गोकर्ण में हुआ था। उन्होंने कहा, "रामायण में साक्ष्यों के आधार पर, हम कह सकते हैं कि गोकर्ण हनुमान की जन्मभूमि है और किष्किन्धा में अंजनद्री उनकी कर्मभूमि थी।" तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ पैनल 21 अप्रैल को इस मामले पर अपनी अध्ययन रिपोर्ट प्रस्तुत करने कर सकता है। इस पैनल में वैदिक विद्वानों, पुरातत्वविदों और एक इसरो वैज्ञानिक शामिल हैं।
TTD ट्रस्ट बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी ने कहा कि हमारे पास तिरुपति में हनुमान का जन्म होने का प्रमाण देने के लिए पौराणिक और पुरातात्विक साक्ष्य हैं। कर्नाटक ने किष्किंधा में अंजनद्री को हनुमान की जन्मभूमि घोषित करने के लिए एक परियोजना शुरू की है। हंपी से सटे किष्किंधा की पहाड़ियों का रामायण में एक संदर्भ है जहां यह वर्णन किया गया है कि भगवान राम और लक्ष्मण हनुमान से मिले थे। कोप्पल जिला मंत्री बीसी पाटिल ने कहा कि अब हम हनुमान जन्मस्थली के टैग को भुनाने के साथ एक तीर्थस्थल के रूप में विकसित करेंगे।
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