चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने ‘स्वभाविक रूप से’ पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे किसानों के प्रदर्शन के बारे में नियमित रूप से नवीनतम खुफिया जानकारी देने का निर्देश दिया था। उन्होंने विपक्ष के इस दावे का खंडन करते हुए यह बात कही कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरूद्ध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत में लगाया है। इस आरोप को ‘बिल्कुल बेबुनियाद एवं दुर्भावनापूर्ण’ करार देते हुए मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए पुलिस अधिकारियों को तैनात करने का कोई सवाल नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि गेंद केंद्र के पाले में है और पंजाब सरकार की इस वार्ता में कोई भूमिका नहीं है। सिंह ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू होने से पहले से ही राज्य में किसान आंदोलन कर रहे हैं, ऐसे में उन्होंने स्वभाविक रूप से पुलिस अधिकारियों को न केवल राष्ट्रीय राजधानी की, बल्कि पंजाब भर के आंदोलन के बारे में नियमित खुफिया रिपोर्ट एवं स्थिति के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थल पर पंजाब पुलिस के कुछ कर्मियों की मौजूदगी के बारे में तोड़-मरोड़कर मतलब निकाला जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने कुछ मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों को केंद्र की पेशकश को मानने के लिए राजी करने के लिए पंजाब के दो आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया है।
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