मुंबई: शहर के स्थानीय निकाय ने बताया है कि इस महीने पिछले दो सप्ताह में एच1एन1 इंफ्लुएंजा वायरस से पांच लोगों की मौत हो गई है और दो लोगों की मौत लेप्टोस्पाइरोसिस से हो गई है। मानसून में इंफ्लुएंजा के मामलों में हुई बढ़ोतरी स्थानीय निकाय स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। बृहन्मुंबई नगर निगम :बीएमसी: के द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार इस माह के पहले पखवाड़े में निकाय के अस्पतालों ने एच1एन1 के 250 नए मामले दर्ज किए। इनमें से पांच लोगों की मौत वायुजनित संक्रमण से हो गई। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
इस साल जनवरी से अब तक एच1वन1 के 874 मामले आ चुके हैं, जिनमें से 672 मामले सिर्फ मुंबई के हैं। वहीं, बचे हुए 202 मामले इस मेट्रो शहर से बाहर के हैं। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक 22 लोगों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है, जिनमें से 14 मौत मुंबई में हुई है। मानसून के दौरान इन बीमारियों पर नियंत्रण रखने और इसके रोकथाम के लिए स्थानीय निकाय ने एक योजना तैयार की है।
अधिकारी ने बताया, तापमान में उतार-चढ़ाव और वायु में नमी की उच्च मात्रा एच1एन1 के प्रसार में सहायक होता है। लोगों को पर्याप्त ऐहतिहात बरतने की सलाह दी गई है। स्वाइन फ्लू सांस संबंधी बीमारी है और इसमें बुखार, खांसी, खराब गला, बहती नाक, बदन में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
शहर में मानसून संबंधी अन्य बीमारियों के कई मामले देखने को मिले हैं। बीएमसी ने बताया कि एक जुलाई से 15 जुलाई तक मलेरिया के 309 मामले, पेट में जलन के 544 मामले, लेप्टोस्पाइरोसिस के 23 और डेंगू के 28 मामले सामने आ चुके हैं। लेप्टोस्पाइरोसिस जीवाणु जनित संक्रमण है और यह चूहे और कुत्तों के मूत्र से प्रदूषित जल के माध्यम से फैलता है।
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