सूरत: EVM के पास मिला वाई-फाई नेटवर्क, हैकिंग की आंशका के बाद प्रशासन की कार्रवाई
छह विधानसभा क्षेत्रों- ओल्पड, मांडवी, महुआ, व्यारा, कामरेज और मंगरोल की ईवीएम कॉलेज के स्ट्रांग रूम में रखी हुई है...
सूरत: गुजरात की कामरेज विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार की ओर से राज्य विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की संभावित हैकिंग एवं उससे छेड़छाड़ की शिकायत करने के बाद एक स्थानीय कॉलेज में वाई-फाई सेवा आज रोक दी गई। दरअसल, ईवीएम इसी कॉलेज में रखी हुई हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार अशोक जरीवाला की शिकायत के बाद यहां अठवा लाइंस इलाके में स्थित गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज के परिसर में वाई-फाई सेवा रोक दी गई। जरीवाला ने कहा, ‘‘हमने पाया कि (कॉलेज में बने) स्ट्रांग रूम के पास एक वाई-फाई नेटवर्क उपलब्ध था, जिसके बाद हमने कलक्टर से कार्रवाई करने को कहा।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले भी ऐसी ही शिकायत की थी, जिसके बाद कलेक्टर ने परिसर में वाई-फाई सेवा पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। जरीवाला ने कहा, ‘‘लेकिन आज फिर हमने उसे सक्रिय पाया। हम कोई जोखिम नहीं लेना चाहते, क्योंकि ईवीएम की हैकिंग और उनसे छेड़छाड़ की आशंका है।’’ शिकायत के बाद सूरत के कलेक्टर और जिला निवार्चन अधिकारी महेंद्र पटेल ने कॉलेज के अधिकारियों को आदेश दिया कि वे अपने परिसर में वाई-फाई सेवा पर रोक लगाएं।’’ पटेल ने कहा कि शिकायतकर्ता को स्ट्रॉंग रूम के भीतर रखी गई ईवीएम में वाई-फाई के इस्तेमाल से छेड़छाड़ होने की आशंका थी।
कलेक्टर ने कहा, ‘‘वे जिस वाई-फाई सेवा की बात कर रहे हैं वह कॉलेज की है और छात्रों के लिए है और हम समझते हैं कि इसके इस्तेमाल से ईवीएम में छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है। बहरहाल, उनके संदेह को दूर करते हुए हमने इस पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।’’ छह विधानसभा क्षेत्रों- ओल्पड, मांडवी, महुआ, व्यारा, कामरेज और मंगरोल की ईवीएम कॉलेज के स्ट्रॉंग रूम में रखी हुई है।
न्यूज चैनलों की ओर से एग्जिट पोल के नतीजे, जिसमें सत्ताधारी भाजपा को बहुमत मिलता दिखाया गया है, प्रसारित करने के बाद कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने ईवीएम की हैकिंग की आशंका जाहिर की है। हार्दिक ने आज ट्विटर पर लिखा, ‘‘यदि भगवान की ओर से बनाए गए मानव शरीर से छेड़छाड़ हो सकती है तो ईवीएम से क्यों नहीं हो सकती, उसे तो इंसान ने ही बनाया है? यदि एटीएम को हैक किया जा सकता है तो ईवीएम को क्यों नहीं?’’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पाटीदार बहुल एवं राज्य के जनजातीय इलाकों में ईवीएम के ‘‘सोर्स कोड’’ का इस्तेमाल कर उन्हें हैक करने की कोशिशें हुई हैं। हार्दिक ने कल एक ट्वीट में यह दावा भी किया था कि अहमदाबाद स्थित एक कंपनी के 150 सॉफ्टवेयर इंजीनियर 5,000 ईवीएम हैक करने की तैयारी में हैं।