सूरत: गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने शहर के एक वाणिज्यिक परिसर में लगी आग में मरने वाले 22 छात्रों के शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात के लिए शनिवार को शहर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना नहीं है बल्कि 'प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई हत्या' है। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने भी शहर के सार्थना इलाके में शुक्रवार को हुई घटना को 'हत्या' करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे की मांग की है।
चावड़ा के साथ राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने भी शनिवार सुबह शहर का दौरा किया और मृत छात्रों के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को चार-मंजिला तक्षशिला इनक्लेव में भीषण आग लग गयी। इस घटना में कला एवं हस्तशिल्प का प्रशिक्षण लेने वाले एक कोचिंग संस्थान के 22 विद्यार्थियों की जान चली गयी। पुलिस ने बताया कि कुछ विद्यार्थियों की मौत आग की चपेट में आकर जल जाने के कारण हुई। वहीं कुछ की जान आग से बचने के लिए इमारत से कूदने के कारण चली गयी।
चावड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ''प्रशासन प्रभाव शुल्क के नाम पर पहले से मौजूद इमारतों में जोखिम भरे निर्माण को मंजूरी दे देता है। भ्रष्टाचार के कारण 22 युवाओं की जान चली गयी।'' उन्होंने कहा, ''यह बहुत दुखद घटना है। मैं सरकार से आग्रह करूंगा कि वह प्रभाव शुल्क के भुगतान होने पर भी ऐसे निर्माण कार्यों की समीक्षा करे।'' चावड़ा ने कहा, ''यह दुर्घटना नहीं है बल्कि प्रशासन की लापरवाही से हुई हत्या है। इस तरह के निर्माणों की समीक्षा क्यों नहीं की जा रही है और उस पर रोक क्यों नहीं लगायी जा रही है।'' पटेल ने कहा, ''आग की घटना के 24 घंटे के भीतर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भाजपा के विजय उत्सव में व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री और सूरत के महापौर को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।''
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