महान गायिका लता मंगेशकर ने राज्यसभा के वेतन का चेक तक नहीं छुआ!
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्वर साम्राज्ञी और भारतरत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने तो वेतन-भत्तों के चेक को छुआ तक नहीं था...
भोपाल: महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर इन दिनों राज्यसभा के सांसद के तौर पर छह साल में मिले वेतन-भत्तों की राशि (90 लाख रुपये) प्रधानमंत्री कोष में जमा करने को लेकर चर्चा में हैं, मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्वर साम्राज्ञी और भारतरत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने तो वेतन-भत्तों के चेक को छुआ तक नहीं था। लता मंगेशकर वर्ष 1999 से 2005 तक राज्यसभा की मनोनीत संसद सदस्य रही हैं। इस दौरान उन्होंने न तो वेतन लिया और न ही भत्ते। इतना ही नहीं, जब उन्हें चेक भेजे गए तो वहां से वापस आ गए। यह खुलासा हुआ है, सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने सूचना के अधिकार के तहत राज्यसभा के सचिवालय से जानकारी मांगी थी कि कई प्रतिष्ठित लोगों को राज्यसभा में मनोनीत किया गया। उनमें से कोई ऐसा है जिसने वेतन-भत्तों को आहरित करने से मना किया हो। सचिवालय की ओर से जो जानकारी उन्हें मिली है, उसमें कहा गया है कि लता मंगेशकर के वेतन से संबंधित मामले में वेतन-लेखा कार्यालय से मंगेशकर को भेजे गए वेतन के चेक वापस आ गए।
राज्यसभा की ओर से दी गई जानकारी में यह भी कहा गया है कि लता मंगेशकर द्वारा आहरित चेकों के वापस आने की सूचना वेतन-लेखा कार्यालय से संबंधित शाखा को प्राप्त नहीं हुई है। लता मंगेशकर ने पेंशन के लिए भी आवेदन नहीं किया है। राज्यसभा के सचिवालय ने यह भी माना है कि उसे किसी पूर्व सदस्य की ओर से पेंशन आहरित करने की अस्वीकृति व्यक्त करते हुए कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे किसी भी पूर्व सदस्य का ब्योरा उपलब्ध नहीं है जो पेंशन न ले रहे हों।
गौड़ के मुताबिक, उनके मन में लगभग ढाई साल पहले एक जिज्ञासा थी कि क्या कोई राज्यसभा सदस्य ऐसा है, जिसने वेतन तक न लिया हो, इसके लिए उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जो जानकारी आई, उसमें लता मंगेशकर का नाम आया, जिन्होंने वेतन के चेक को छुआ तक नहीं और लौटा दिया।
गौड़ आगे कहते हैं कि सचिन तेंदुलकर द्वारा वेतन भत्तों की 90 लाख रुपये की रकम प्रधानमंत्री कोष में जमा करना एक प्रशंसनीय और अनुकरणीय कार्य है। वहीं वे लोग भी गुमनाम हैं, जिन्होंने वेतन का चेक तक स्वीकार नहीं किया और पेंशन के लिए आवेदन भी नहीं किया। वास्तव में लता जितनी बड़ी गायिका हैं, उतना ही बड़ा उनका नैतिक बल और दिल भी है।
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर द्वारा 90 लाख रुपये की राशि प्रधानमंत्री कोष में जमा किए जाने की तो हर तरफ चर्चा है, मगर लता मंगेशकर ने तो चेक तक नहीं लिया था, इससे देश बेखबर है। सूचना के अधिकार के तहत सामने आई जानकारी ने लता मंगेशकर को और बड़ा बना दिया है।