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Hindi News भारत राष्ट्रीय आर्थिक सुस्ती से निपटने को उठाए जाएंगे जरूरी कदम : जेटली

आर्थिक सुस्ती से निपटने को उठाए जाएंगे जरूरी कदम : जेटली

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सरकार आर्थिक सुस्ती के बीच स्थिति की समीक्षा कर रही है और इससे निपटने के लिए जल्द ही 'उपयुक्त कदम' उठाए जाएंगे।

Arun jaitley- India TV Hindi Image Source : PTI Arun jaitley

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सरकार आर्थिक सुस्ती के बीच स्थिति की समीक्षा कर रही है और इससे निपटने के लिए जल्द ही 'उपयुक्त कदम' उठाए जाएंगे। जे.पी. मोर्गन की ओर से आयोजित दूसरे 'भारत इंवेस्टर समिट' को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, "पहले दिन से ही यह सरकार एक्टिव है। हमलोग आर्थिक संकेतकों की समीक्षा कर रहे हैं और सही समय पर सही कदम उठाया जाएगा। निजी निवेश में समस्या है। सरकार ने समस्या सुलझा लिया है, बहुत जल्द ही इस पर कदम उठाएंगे।" उन्होंने कहा कि बैंकों ने अतीत में अत्यधिक ऋण दिया था। बैंकों के लिए पूंजी का प्रस्ताव भी लंबित है।

जेटली ने आर्थिक स्थिति और इसके उपायों की समीक्षा के लिए 19 सितंबर को उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में रेलमंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और वित्त मंत्रालय के सचिव अशोक लवासा, सुभाष चंद्र गर्ग, हसमुख अधिया, राजीव कुमार और नीरज कुमार गुप्ता मौजूद थे। सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और औद्योगिक उत्पादन के साथ चालू खाते में गिरावट के बाद वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज पर विचार कर रही है। विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती के कारण चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की दर घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई है, जो साल 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के बाद की सबसे कम दर है। 

जेटली ने कहा कि सरकार के पास चालू वित्तवर्ष में इस समस्या से निपटने के लिए महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने कहा, "यहां तक कि गुरुवार को भी एयर इंडिया विनिवेश की बैठक थी। गत कुछ वर्षो में, बाजार में काफी उथल पुथल रहा है, इसलिए सरकार को विनिवेश के लिए सही समय का इंतजार करना पड़ेगा।"वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तकनीकी मुश्किलों का जिक्र करते हुए वित्तमंत्री ने व्यापारियों को रिटर्न जमा कराने की अंतिम तिथि से चार-पांच दिन पहले ही इसे अंतिम दिनों की परेशानी से बचने के लिए जमा करवाने की सलाह दी।

जीएसटी में ज्यादा से ज्यादा सामग्रियों को शामिल करने पर उन्होंने कहा कि रियल स्टेट को इसमें शामिल करना सबसे आसान होगा।उन्होंने कहा, "अभी तक हम जीएसटी के बाद मुद्रास्फीति के प्रभाव को रोकने में सक्षम रहे हैं। मौजूदा सरकार जीएसटी को लागू करने से लेकर हर मामले में तत्काल फैसले लेती है।" यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) पर वित्त मंत्री ने कहा कि वह निजी तौर पर इसके पक्ष में हैं लेकिन अभी इसके लिए राजनीतिक परिपक्वता की जरूरत है।

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