नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 7वें दौर की बैठक भी सोमवार को बेनताजी रही। बैठक खत्म होने के बाद एक किसान नेता कहा कि हमने सरकार को बताया कि पहले कृषि क़ानूनों को वापिस किया जाए, MSP पर बात बाद में करेंगे। 8 तारीख तक का समय सरकार ने मांगा है। उन्होंने कहा कि 8 तारीख को हम सोचकर आएंगे कि ये क़ानून वापिस हम कैसे कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया क्या हो।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 तारीख (8 जनवरी 2021) को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी। तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी। हमने बता दिया है क़ानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बारे में कहा, "चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया।" तोमर ने कहा, "चर्चा जिस हिसाब से चल रही है, किसानों की मान्यता है कि सरकार इसका रास्ता ढूंढे और आंदोलन समाप्त करने का मौका दे।"
Image Source : ANIकृषि कानून वापस लेने की तैयारी में सरकार? बैठक के बाद आया किसान नेता का बड़ा बयान
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "हम चाहते थे कि किसान यूनियनें तीनों कानूनों पर क्लॉज वाइज (खण्ड वार) चर्चा करें। हम किसी भी समाधान तक नहीं पहुंच सके क्योंकि किसान यूनियन कानूनों को निरस्त करने पर अड़े रहे।" तोमर ने कहा, "आज की चर्चा को देखते हुए मुझे आशा है कि अगली बैठक के दौरान सार्थक चर्चा होगी और हम निष्कर्ष पर पहुंचेंगे"
तोमर ने कहा, "हम चाहते हैं कि किसान यूनियन की तरफ से वो विषय आए जिस विषय में किसान को कोई परेशानी होने वाली है, उस विषय पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है।" उन्होंने कहा, "सरकार देशभर के किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है। सरकार जो भी निर्णय करेगी, सारे देश को ध्यान में रखकर ही करेगी।"
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