नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) को केन्द्र शासित क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद राज्य की विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण के लिये परिसीमन आयोग का गठन चुनाव आयोग नहीं बल्कि केन्द्र सरकार करेगी। अरोड़ा ने झारखंड में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जम्मू कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन से जुड़े एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक राज्य के लिये परिसीमन आयोग का गठन गृह मंत्रालय को करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर की विधानसभा सीटों का खाका तैयार करने के लिये परिसीमन आयोग के गठन की अधिसूचना गृह मंत्रालय जारी करेगा या विधि एवं न्याय मंत्रालय, यह दोनों मंत्रालयों को मिलकर तय करना है। अरोड़ा ने कहा, ‘‘परिसीमन आयोग का प्रमुख कौन होगा, इस बारे में चुनाव आयोग वरिष्ठता के आधार पर अपना उपयुक्त प्रतिनिधित्व सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर देगा।’’
उल्लेखनीय है कि आयोग द्वारा परिसीमन आयोग का गठन किये जाने की अटकलों पर स्पष्टीकरण देते हुये अरोड़ा ने कहा कि परिसीमन से जुड़े आयोग के दो पूर्व विशेषज्ञ सिंगारा राम और आर के श्रीवास्तव की सेवायें आयोग ले रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में परिसीमन के बारे में सरकार जब कहेगी, आयोग अपना काम करने के लिये तैयार है।
बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 60 के तहत केन्द्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर की विधानसभा की सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 करना है। इनमें से 24 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है। अरोड़ा ने इन कानूनी प्रावधानों का जिक्र करते हुये कहा कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा की सीटों की संख्या परिसीमन के बाद प्रभावी तौर पर 83 से बढ़कर 90 हो जायेगी।
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