नई दिल्ली: केंद्र सरकार ग्रामीण इलाकों में महिला स्वयं-सहायता समूहों को छोटे व्यावसायिक वाहनों की खरीद पर ब्याजमुक्त ऋण देने के लिए एक नई योजना शुरू करेगी ताकि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले और रोजगार बढ़े।
नई योजना को प्रधानमंत्री ग्राम परिवहन योजना कहा जा सकता है और 15 अगस्त को इसका शुभारंभ किया जा सकता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनो की तर्ज पर होगी।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, योजना क्रांतिकारी होगी क्योंकि यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार करेगी बल्कि खासकर महिलाओं के लिए पर्याप्त रोजगार विकल्प भी पैदा करेगी।
तोमर ने कहा कि इन इलाकों में सड़कों का निर्माण हो चुका है, इसलिए सार्वजनिक परिवहन के अधिक सुलभ साधन उपलब्ध कराके सरकार गांवों और शहरों के बीच अंतराल को पाटना चाहती है।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार शुरूआत में इसे देश के 250 प्रखंडों में लागू किया जाएगा और केंद्र सरकार दस-दस लोगों के बैठने की क्षमता वाले कम से कम 1500 व्यावसायिक वाहनों पर ब्याजमुक्त कर्ज प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि ऋण राशि की सीमा 6 लाख रुपये होगी और ऋण चुकाने की अवधि करीब छह साल होगी।
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