मोदी सरकार ने जायडस कैडिला की 3 डोज वाली कोरोना वैक्सीन को दी मंजूरी
यह कोरोना वायरस संक्रमणरोधी दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन होगा जिसे भारतीय कंपनी ने विकसित किया है और देश में इस्तेमाल के लिये यह छठा वैक्सीन होगा।
नयी दिल्ली: कोरोना महामारी के खिलाफ देश में चल रहे वैक्सीनेशन में अब एक और वैक्सीन जुड़ गई है। फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की 3 डोज वाली कोरोना वैक्सीन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन का नाम ZyCov-D है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को इस वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। कमेटी ने फार्मा कंपनी से इस वैक्सीन के 2 डोज के प्रभाव का अतिरिक्त डेटा भी मांगा है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के एक विशेषज्ञ पैनल ने जाइडस केडिला की तीन डोज वाली कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिये जाने की सिफारिश की है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने गुरुवार को जाइडस कैडिला की ओर से प्रस्तुत किये गये आवेदन पर विचार-विमर्श किया और इसके तीन डोज वाली कोरोना वायरस वैक्सीन की आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की।
इसकी अंतिम मंजूरी के लिये यह सिफारिश ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को भेजी गयी है। अहमदाबाद स्थित फर्मा कंपनी ने एक जुलाई को टीके के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने के लिये डीसीजीआई को आवेदन दिया था। कंपनी ने बताया कि इसने अब तक 50 से अधिक केंद्रों पर सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया है।
यह कोरोना वायरस संक्रमणरोधी दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन होगा जिसे भारतीय कंपनी ने विकसित किया है और देश में इस्तेमाल के लिये यह छठा वैक्सीन होगा। इससे पहले सीरम इस्टीच्यूट के कोविशील्ड, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन, रूस के स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका के मोडर्ना एवं जानसान एंड जानसन का वैक्सीन इस्तेमाल हो रहा है।
प्लाज्मिड डीएनए-आधारित जाइकोव-डी, सुई-मुक्त इंजेक्टर का उपयोग करके यह वैक्सीन दिया जाता है। केडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक शरविल पटेल ने कहा कि अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो इससे न केवल वयस्क लोगों को फायदा होगा बल्कि यह 12 से 18 साल आयु वर्ग के किशोरों के लिये भी प्रभावी होगा।
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