नई दिल्ली: जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर बनाए गए नए ‘जल शक्ति’ मंत्रालय का कार्यभार गजेंद्र सिंह शेखावत को सौंपा गया है। शेखावत ने शुक्रवार को मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने गुरुवार को मंत्री पद की शपथ ली थी। चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने जल संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए एकीकृत मंत्रालय के गठन का वादा किया था। प्रभार संभालने के बाद शेखावत ने कहा, ‘‘जल संबंधी सभी कार्य एक ही मंत्रालय में निहित होंगे।’’
मंत्रालय का दायरा बढ़ाते हुए इसमें अंतरराष्ट्रीय से लेकर अंतरराज्यीय जल विवाद, पेयजल उपलब्ध कराने, बेहद जटिल नमामी गंगे परियोजना, गंगा नदी और उसकी सहायक एवं उप सहायक नदियों को स्वच्छ करने की महत्वाकांक्षी पहल को शामिल किया जाएगा। मोदी सरकार ने पहली बार गंगा को स्वच्छ बनाने की परियोजना शुरू की थी जिसका जिम्मा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से जल संसाधन मंत्रालय को सौंपा गया था और भारी भरकम आवंटन के साथ नमामी गंगे परियोजना शुरू की गई थी।
मंत्री ने कहा कि पार्टी के घोषणापत्र में किए गए वादे के तहत हर किसी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता होगी। रतन लाल कटारिया को नवगठित मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है।
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