नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के शोपियां में दो एसपीओ और एक कांस्टेबल को किडनैप करने के बाद उनकी हत्या की घटना के बाद कई एसपीओ के इस्तीफा देने की खबरों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गलत बताया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि एक भी एसपीओ ने इस्तीफा नहीं दिया है। इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थी कि तीन पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया पर शुक्रवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। इस्तीफा देने वाले तीनों पुलिसकर्मियों में एक कांस्टेबल और दो विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शामिल हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि जम्मू कश्मीर में कुछ विशेष पुलिस अधिकारियों ने इस्तीफे दिए हैं लेकिन राज्य पुलिस बल ने पुष्टि की है कि ये रिपोर्टें गलत और प्रेरित हैं। बयान में कहा गया, ‘‘ये रिपोर्ट शरारती तत्वों के गलत प्रचार पर आधारित हैं।’’ गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पेशेवर और प्रतिबद्ध पुलिस बल है जो आने वाले पंचायत और शहरी निकाय चुनावों से जुड़ी चुनौतियों सहित सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘ वहां 30,000 से अधिक एसपीओ हैं और समय समय पर उनकी सेवाओं की समीक्षा की जाती है। कुछ शरारती तत्व ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे एसपीओ जिनकी सेवाओं का प्रशासनिक कारणों से नवीनीकरण नहीं किया गया हैं उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।’’ मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आंतकवादी बैकफुट में हैं इस वर्ष अकेले शोपियां जिले में 28 आतंकवादियों को निष्क्रिय किया गया है।
बयान में कहा गया, ‘‘राज्य पुलिस की सक्रिय कार्रवाई से आंतकवादी एक क्षेत्र में सीमित कर दिए गए है जिससे वे निराश हैं।’’ पुलिस ने कहा कि तीन पुलिसकर्मियों का दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उनके घरों से अपहरण किया गया था और हिज्बुल मुजाहिद्दीन द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद ऐसी खबरें आईं थीं कि इन हत्याओं से पुलिस विभाग के निचले पदाधिकारियों में भय का माहौल है जिससे छह पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें से दो ने वीडियो मैसेज करके यह जानकारी दी थी।
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