श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार के जाने और राज्यपाल शासन लागू होने के साथ ही अब अलगाववादियों पर ऐक्शन में तेजी आ गई है। श्रीनगर में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ यासीन मलिक को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। गौरतलब है कि बुधवार को ही सूबे में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था। यासीन की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और अलगाववादियों पर ऐक्शन लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर में रमजान के दौरान एकतरफा सीजफायर की घोषणा के बाद भी घाटी में हालात सुधर नहीं पाए थे, बल्कि आतंकी घटनाओं में और बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। गृहमंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, रमजान सीजफायर के दौरान आतंकी घटनाओं में 265 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। आतंकी घटनाओं में हुई इस बढ़ोतरी की वजह कट्टरपंथी ताकतों का मजबूत होना भी माना जा रहा था। दूसरी तरफ 28 जून से अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है, और इस वजह से सरकार किसी भी किस्म का रिस्क नहीं लेना चाहती।
सीजफायर के खात्मे के बाद सेना को एक बार फिर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की खुली छूट दे दी गई है। गौरतलब है कि सीजफायर के दौरान सेना के जवान औरंगजेब और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या ने देश-दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। अब सीजफायर के खात्मे के साथ ही सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपने अभियान में तेजी ला दी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस का भी मानना है कि राज्यपाल शासन में उपद्रवियों के खिलाफ काम करने में उसे काफी सहूलियत होगी।
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