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Hindi News भारत राष्ट्रीय सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 2016 का अपना फ़ैसला, फिल्म से पहले राष्ट्रगान ज़रूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 2016 का अपना फ़ैसला, फिल्म से पहले राष्ट्रगान ज़रूरी नहीं

केंद्र सरकार ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान जरूरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना स्टैंड बदल लिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान जरूरी नहीं है।

National-anthem-in-cinema-halls-Government-requests-Supreme-Court-to-reconsider-its-order- India TV Hindi सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान जरूरी करने के मामले पर केंद्र ने बदला स्टैंड

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही फैसला पलटते हुए कहा है कि फिल्म से पहले राष्ट्रगान ज़रूरी नहीं। केंद्र सरकार ने एफिडेविट दाखिल करके कोर्ट से पहले की स्थिति बहाल करने की गुजारिश की थी। केंद्र ने अपने हलफनामा में कहा था कि इस मुद्दे पर इंटर मिनिस्ट्रियल कमिटी का गठन किया गया है ताकि वह नई गाइडलाइंस तैयार कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के अपने पैसले में संशोधन किया है। इससे पहले सरकार ने कहा था कि शीर्ष अदालत तब तक पूर्व की यथास्थिति बहाल करने पर विचार कर सकती है यानी 30 नवंबर 2016 को इस अदालत द्वारा सुनाये गये आदेश से पहले की स्थिति को बहाल कर सकती है। इस आदेश में सभी सिनेमाघरों में फीचर फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य किया गया था। सरकार ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (सीमा प्रबंधन) की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयीन समिति बनाने का फैसला किया है जिसमें रक्षा, विदेश, संस्कृति, महिला और बाल विकास तथा संसदीय कार्य मंत्रालय समेति विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि होंगे।

केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि इसमें सूचना और प्रसारण तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालयों, विधि मामलों के विभाग, स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा विकलांग जन अधिकारिता विभाग के प्रतिनिधि भी होंगे। सरकार ने कहा कि समिति को राष्ट्रगान से जुड़े अनेक विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श करना होगा और कई मंत्रालयों के साथ गहन मंथन करना होगा। समिति इसके गठन से छह महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देगी।

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