A
Hindi News भारत राष्ट्रीय इंडिया टीवी की पहल के बाद हरकत में आई सरकार, शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार

इंडिया टीवी की पहल के बाद हरकत में आई सरकार, शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार

नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में 15 दिसंबर से चल रहे धरने पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार है।

इंडिया टीवी के पहल के बाद हरकत में आई सरकार, शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार- India TV Hindi इंडिया टीवी के पहल के बाद हरकत में आई सरकार, शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में 15 दिसंबर से चल रहे धरने पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तैयार है। इंडिया टीवी के चुनाव मंच कार्यक्रम में दिए बयान को ट्वीट कर उन्होंने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों के भ्रम को दूर करने के लिए तैयार है। बता दें कि रविशंकर प्रसाद ने इंडिया टीवी कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में मुस्लिम नेताओं के एक समूह के साथ संशोधित नागरिकता कानून पर बहस के दौरान स्पष्ट किया था कि अगर बातचीत का कोई आग्रह संगठित तरीके से आता है तो केंद्र उन (शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों) से बात करने को तैयार है।

कानून मंत्री से इंडिया टीवी के एंकर ने यह पूछा था कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के पास केंद्र सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनकी मांगें सुनने क्यों नहीं गया। रविशंकर प्रसाद ने कहा- 'मैं आज आप लोगों को सुन रहा हूं। लेकिन क्या कोई कह सकता है कि यह पूरी जमात पूरे कौम का प्रतिनिधित्व करती है? अगर वे ऐसा चाहते हैं कि केंद्र के नुमाइंदे को उनसे बात करनी चाहिए तो संगठित तरीके से सरकार के पास आएं तो सरकार इसके (बात करने) लिए तैयार है।'


 
बीजेपी के कुछ प्रवक्ताओं और नेताओं द्वारा यह आरोप लगाने पर कि शाहीन बाग में महिला प्रदर्शनकारियों को रोजाना भुगतान के आधार पर भाड़े पर लाया गया है, प्रसाद ने कहा- 'मुझे नहीं लगता कि मुस्लिम महिलाओं के बारे में इस तरह की टिप्पणी उचित है। लोगों को सम्मान के साथ महिलाओं और बच्चों के बारे में बोलना चाहिए, लेकिन मैं यह भी कहना चाहता हूं कि शाहीन बाग से जो खबरें हमें मिल रही हैं, उनमें सभी खबरें अच्छी नहीं हैं।' 
 
रविशंकर प्रसाद ने कहा- 'क्या कुछ सौ लोग हजारों लोगों की आवाज को दबा सकते हैं, जिनकी दुकानें बंद हैं और बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं? उन्हें विरोध करने का अधिकार है लेकिन उनके कुछ नेता कह रहे हैं कि जबतक सीएए को वापस नहीं लिया जाता है, किसी तरह की बातचीत नहीं होगी।'

Latest India News