नई दिल्ली: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर एक बेहद ही अहम फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल्याणकारी स्कीमों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने का फैसला गलत है। लेकिन इन्कम टैक्स या किसी तरह नॉन-बैनिफिशियल योजनाओं के मामले में सरकार आधार कार्ड मांग सकती है। अदालत ने आधार अनिवार्य करने के फैसलों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, 'सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बना सकती।'
हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि सरकार को बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार कार्ड का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की जानी है। फिलहाल ऐसा संभव नहीं है।
चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, 'सामाजिक कल्याण की योजनाओं के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता। लेकिन, इसे गैर-लाभकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हमारा पिछला आदेश पूरी तरह स्पष्ट था। इनकम टैक्स जैसी गैर-लाभकारी योजनाओं में आधार को अनिवार्य किए जाने से सरकार को रोका नहीं जा सकता।' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालांकि सरकार को बैंक खाते खोलने जैसी अन्य योजनाओं में आधार का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आधार को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए सात न्यायाधीशों की एक पीठ गठित की जानी है लेकिन इस समय ऐसा संभव नहीं है।
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