बेंगलुरु। कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर किसी भी संकट से निपटने की तैयारी के तौर पर कर्नाटक सरकार ने जिला प्रशासनों को सामाजिक कल्याण विभाग के तहत आने वाले आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों को पृथक केंद्र के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए कहा है। उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल ने एक बयान में कहा, ‘‘जरूरत पड़ने पर इन आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों को जिला प्रशासन बिना किसी अतिरिक्त लागत के पृथक केंद्र में बदल सकता है।’
कर्नाटक में शुक्रवार दोपहर तक तक कोविड-19 के 62 मामले दर्ज किए गए। इनमें दो लोगों की मौत हो गई और तीन लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सामाजिक कल्याण विभाग के प्रभारी मंत्री करजोल ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश के चलते आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों में कोई छात्र नहीं रह रहा है तथा इनका पृथक केंद्र के मकसद से इस्तेमाल किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि जिले और तालुकों में सभी आवासीय स्कूलों और हॉस्टलों में काफी जगह है और कमरे, रसोई, शौचालय, बाथरूम, पुस्तकालय जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि ये ज्यादातर घनी आबादी वाले इलाकों से दूर बने हुए हैं।
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