गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 30 की मौत, सरकार ने नकारी ऑक्सीजन ठप होने की बात
लेकिन बताया जा रहा है कि गुरुवार को ही हॉस्पिटल के सेंटर पाइप लाइन ऑपरेटर ने प्रिंसिपल, एसआईसी, एनेस्थिसिया डिपार्टमेंट के हेड और इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोडल ऑफिसर को लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक काफी कम होने की जानकारी दी थी। गुरुवार को सेंटर पाइप लाइन ऑ
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बाबा राघवदास अस्पताल (BRD ) में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप होने से 30 बच्चों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बकाया पैसों का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने वाली कंपनी ने सप्लाई रोक दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12 बच्चे इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित थे। इस घटना के बाद अस्पताल में कोहराम मच गया है। वहीं ऑक्सीजन की कमी से इन मौतों की खबरों को सरकार ने बेबुनियाद ठहराया है। सरकार ने दावा किया है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी रोगी की मौत नहीं हुई है। ये भी पढ़ें: ‘23 सितम्बर को धरती से टकराएगा ग्रह, वो होगा विनाश का दिन’
पाइप लाइन ऑपरेटर ने दी थी ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने की चेतावनी
लेकिन बताया जा रहा है कि गुरुवार को ही हॉस्पिटल के सेंटर पाइप लाइन ऑपरेटर ने प्रिंसिपल, एसआईसी, एनेस्थिसिया डिपार्टमेंट के हेड और इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोडल ऑफिसर को लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक काफी कम होने की जानकारी दी थी। गुरुवार को सेंटर पाइप लाइन ऑपरेटर ने लिखित में ये जानकारी दी थी कि लिक्विड आक्सीजन की रीडिंग 900 है और अगर वक्त रहते आक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई तो मरीजों की जान खतरे में पड़ जाएगी। लेकिन फिर भी कोई ऐक्शन नहीं हुआ और इतना बड़ा हादसा हो गया। आरोप ये भी है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली एजेंसी के अस्पताल पर 69 लाख रुपये बकाया थे। एजेंसी ने पैसा नहीं मिलने पर ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने की चेतावनी दी थी फिर भी सरकार ये नहीं मान रही है कि ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में इतनी बड़ी घटना हुई है।
दो दिन पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हॉस्पिटल का दौरा किया था
और तो और दो दिन पहले ही चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने इस हॉस्पिटल का दौरा किया था, उन्होने अस्पताल की कंडीशन देखी थी, ऑफिसर्स से मिले थे, मरीजों का हालचाल जाना था और योगी के दौरे के दो दिन बाद ही इतनी बड़ी लापरवाही की खबर आ गयी।
सरकार ने नकारी ऑक्सीजन ठप होने की बात
जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने पिछले दो दिन में हुई मौतों का ब्यौरा देते हुए बताया कि नियो नेटल वार्ड में 17 बच्चों की मौत हुई जबकि एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिन्ड्रोम यानी एईएस वार्ड में पांच तथा जनरल वार्ड में आठ बच्चों की मृत्यु हुई। उन्होंने बताया कि गुरुवार मध्यरात्रि से अब तक नियो नेटल वार्ड में तीन, एईएस वार्ड में दो और जनरल वार्ड में दो बच्चों की मौत हुई। शेष 23 मौतें नौ अगस्त की मध्यरात्रि से दस अगस्त मध्यरात्रि के बीच हुईं। इस सवाल पर कि क्या ये मौतें आक्सीजन की कमी की वजह से हुईं, रौतेला ने कहा कि उन्हें मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने स्पष्ट रूप से बताया है कि आक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। इस बीच लखनऊ में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कुछ समाचार चैनलों पर प्रसारित इन खबरों को भ्रामक बताया कि आक्सीजन की कमी से ये मौतें हुई हैं।
सोनिया-राहुल गांधी ने मौत पर गहरा दुख प्रकट किया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इन मौतों पर गहरा दुख प्रकट किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इस भयावह त्रासदी से बड़ा दुख हुआ है और उन्हें उन बच्चों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है जो प्रशासन की गंभीर लापरवाही और ढीठ आचरण के शिकार बन गए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से इस अपराध का तत्काल संज्ञान लेने और दोषियों पर मामला दर्ज करने की अपील की। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से ऐसे बच्चों के परिवारों को राहत प्रदान करने का भी आवाहन किया। इन मौतों का कोई कारण नहीं बताया गया है लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि गोरखपुर के एसपी के मुताबिक 21 बच्चों की मौत तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के चलते हुई।