नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद कृषि विधेयकों और ऊपरी सदन के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दों पर बुधवार को शाम पांच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति ने हमें मिलने का समय दिया है और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद उनसे शाम पांच बजे मुलाकात करेंगे।’’
विपक्ष की करीब 16 पार्टियों ने इन मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। इससे पहले फैसला हुआ था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सदन में सदस्यों की संख्या के आधार पर पांच प्रमुख विपक्षी दलों कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और द्रमुक के पांच प्रतिनिधि राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के लिए जाएंगे।
बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस ने आग्रह किया कि उसकी जगह किसी छोटी पार्टी के प्रतिनिधि को भेजा जाए क्योंकि कृषि विधेयकों के खिलाफ लड़ाई मिलकर लड़ी गई है और यह प्रयास सदन में संख्या के आधार पर निर्भर नहीं करता है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि शिवसेना अथवा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधि भी विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होगा।
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों की बुधवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि सिर्फ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ही राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दल इस बात पर एकमत थे कि वे इस मुलाकात से किसी पार्टी को अलग नहीं रखना चाहते, लेकिन कोरोना संकट से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है।
राज्यसभा के विपक्षी सांसद कृषि विधेयकों और आठ सांसदों के निलंबन के खिलाफ आज दोपहर को प्रदर्शन की तैयारी में हैं, जबकि लोकसभा में विपक्षी नेता दिन में दो बजे बैठक कर धरने के बारे में फैसला करेंगे।
गौरतलब हो कि बीते सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी (AAP) के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव, रिपुन बोरा तथा नाजिर हुसैन, केके रागेश, डोला सेन और इलामरन करीम को राज्यसभा से निलंबित किया गया था।
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