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Hindi News भारत राष्ट्रीय गुलाम नबी आजाद ने घाटी में मंत्रियों के दौरे को लेकर कहा- स्थिति पर झूठ फैलाने का तीसरा प्रयास

गुलाम नबी आजाद ने घाटी में मंत्रियों के दौरे को लेकर कहा- स्थिति पर झूठ फैलाने का तीसरा प्रयास

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरूवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रियों का जम्मू कश्मीर के दौरे की व्यवस्था करना, प्रदेश से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद पैदा हुई स्थिति के बारे में केंद्र सरकार का ‘‘झूठ फैलाने का तीसरा प्रयास है।’’

Ghulam Nabi Azad- India TV Hindi Ghulam Nabi Azad

जम्मू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों का जम्मू कश्मीर के दौरे की व्यवस्था करना, प्रदेश से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद पैदा हुई स्थिति के बारे में केंद्र सरकार का ‘‘झूठ फैलाने का तीसरा प्रयास है।’’ पार्टी सहयोगी अम्बिका सोनी के साथ यहां दो दिवसीय दौरे पर आये आजाद ने कहा कि केद्रीय मंत्री यहां केंद्र शासित क्षेत्र के दौरे पर जम्मू कश्मीर की ‘‘बर्बादी’’ का जश्न मनाने आ रहे हैं। आजाद ने कहा, ‘‘यह दुनिया, जम्मू कश्मीर और भारत के लोगों का ध्यान भटकाने तथा उन्हें भ्रमित करने का यह तीसरा प्रयास है। वह यहां तीसरी बार झूठ बोलने आ रहे हैं।’’

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रियों का एक दल 18 जनवरी से जम्मू कश्मीर के दौरे पर आ रहा है। वह घाटी के संवेदनशील क्षेत्रों में जाएगा और संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को वापस लिये जाने के सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाएगा तथा क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाये जा रहे विकास के कार्यों से लोगों को अवगत कराएगा। इसके एक दिन बाद आजाद की यह टिप्पणी आयी है। आजाद ने इस कदम की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘आज तक, उन्हें पता नहीं चला कि सरकार कैसे चलायें। वह विफल रहे हैं।’’

उन्होंने जोर देकर कहा कि अतीत में सरकार यूरोपीय संसद के सदस्यों और विदेशी राजनयिकों का ‘गाइडेड टूर’ करा कर दो बार देश तथा दुनिया के लोगों को धोखा दे चुकी है। राज्य सभा सदस्य ने कहा कि ‘बर्बादी’ और कश्मीर की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से सरकार ने यूरोपीय संसद के सदस्यों तथा विदेशी राजनयिकों के टूर का आयोजन कराया था ताकि उनकी कहानी का दुनियाभर में प्रचार हो सके। इस महीने की नौ तारीख को अमेरिकी राजदूत समेत 15 देशों के राजनयिकों ने जम्मू कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा की थी। दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक की अगुवाई में इससे पहले 23 यूरोपीय सांसदों का दल भी केंद्र शासित क्षेत्र के दौरे पर गया था। सरकार ने इससे खुद को अलग कर लिया था।

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