चंडीगढ़: हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस के जवान अगर आपके गांवों में किसी को गिरफ्तार करने आते हैं तो उनका ‘घेराव’ करें और उन्हें तब तक नहीं जाने दें जब तक कि जिला प्रशासन आश्वासन नहीं देता कि उन्हें गांवों में आने के लिए फिर अनुमति नहीं दी जाएगी। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत द्वारा पंजाब और हरियाणा में ‘महापंचायतों’ का आयोजन करने का हवाला देते हुए चढूनी ने कहा कि दोनों राज्यों में ऐसे आयोजनों की जरूरत नहीं है।
हरियाणा बीकेयू के नेता ने लोगों से पुलिसकर्मियों को वस्तुत: बंधक बनाने की अपील करते हुए यह विवादास्पद बयान दिया। वह राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की ओर इशारा कर रहे थे।
चढूनी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस के कर्मी अगर छापेमारी करते हैं और किसी को पकड़ने आते हैं तो उनका घेराव किया जाना चाहिए, वहां बैठाया जाना चाहिए और पूरे गांव एवं आसपड़ोस को सूचित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जाना चाहिए जब तक कि जिला प्रशासन यह आश्वासन नहीं देता कि दिल्ली पुलिस आपके गांव, जिले में फिर से प्रवेश नहीं करेगी।’’ एक अन्य वीडियो संदेश में चढूनी ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र के कृषि से जुड़े कानूनों से अवगत हैं और इन दोनों राज्यों में ‘पंचायत’ आयोजित करने की जरूरत नहीं है।
वहीं महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते यवतमाल जिला प्रशासन द्वारा 20 फरवरी को किसान नेता राकेश टिकैत को महापंचायत आयोजित करने की अनुमति देने से मना किए जाने के बावजूद इसके आयोजक संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को कहा कि वह जनसभा आयोजित करने के निर्णय पर अडिग है। एसकेएम ने कहा है कि अगर टिकैत एवं अन्य नेताओं को यवतमाल में रोका गया तो धरना दिया जायेगा।
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