गाजीपुर बॉर्डर: कृषि कानून को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले 80 दिनों से ज्यादा समय से किसानों का प्रदर्शन जारी है, ऐसे में तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में बॉर्डर खाली होने की खबर पर किसानों में आक्रोश नजर आने लगा है, वहीं किसानों ने अब अपनी अगली रणनीति के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई है। गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, "हम समूचे मीडिया से गुस्सा नहीं हैं, लेकिन मीडिया का एक वर्ग लगातार भ्रामक और झूठी खबरें फैला रहा है।"
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उन्होंने कहा- किसानों के बेटों को एक्टिव किया जा रहा है, जो किसान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं है, उनकी आईडी बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद वह रोज बॉर्डर से कृषि विषयों पर पोस्ट करेंगे और यहां की सच्चाई कोने-कोने तक पहुंचाएंगे।
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उन्होंने आगे कहा, हाल ही में जो बॉर्डर खाली होने की खबरें चलाई गई हैं, उसके बाद हम लोगों ने ये रणनीति बनाई है। हमारी लड़ाई अब सिर्फ सरकार से ही नहीं, बल्कि उन लोगों से भी है जो इस आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया के इस जमाने में कुछ भी छिपता नहीं है, फिर भी ये अपनी आदत से लाचार हैं या उन्हें सरकार के तरफदार होने का सबूत पेश करने की मजबूरी रहती है।
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सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार है, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं। दरअसल, तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इनपुट-आईएएनएस
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