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Hindi News भारत राष्ट्रीय मुरादनगर श्मशान हादसे से भी नहीं जागा गाजियाबाद नगर निगम, ठेकेदारों के साथ मिलकर 'गंदे और जानलेवा' खेल में व्यस्त हैं अधिकारी!

मुरादनगर श्मशान हादसे से भी नहीं जागा गाजियाबाद नगर निगम, ठेकेदारों के साथ मिलकर 'गंदे और जानलेवा' खेल में व्यस्त हैं अधिकारी!

अधिकारियों से सांठगांठ का मामला सामने आने के बाद अन्य पार्षद भी खुलकर सामने आने लगे हैं। पार्षद अजय शर्मा का कहना है कि अधिकारियों के मौखिक आश्वासन दिए जाने के बाद ही ऐसा हो सकता है। शमशान घाट में करीब 14 लाख रुपये में सौंदर्यीकरण और करीब 20 लाख रुपये में मिट्टी का भराव का कार्य किया जाना है लेकिन अब पूरा मामला सामने आने के बाद मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर जांच कराने के निर्देश दिए है।

ghaziabad nagar nigam officials busy in corruption with contractors even after muradnagar shamshan c- India TV Hindi Image Source : INDIA TV मुरादनगर श्मशान हादसे से भी नहीं जागा गाजियाबाद नगर निगम, ठेकेदारों के साथ मिलकर 'गंदे और जानलेवा' खेल में व्यस्त हैं अधिकारी!

गाजियाबाद. देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद के मुरादनगर इलाके में हुए शमशान घाट हादसे की जांच अभी पूरी भी नही हो पाई है कि अब नगर निगम श्मशान घाट में घोटाले का मामला सामने आ गया है। गाज़ियाबाद नगर निगम में अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ का एक ऐसा मामला सामने आया है जो पूरे सिस्टम की कलई खोल रहा है। दुहाई के वार्ड नंबर 46 में शमशान घाट में मिट्टी की भराई और सौंदर्यीकरण का टेंडर निकाला गया था। टेंडर का आवंटन और वर्क ऑर्डर जारी होने से पहले ही एक ठेकेदार ने मिट्टी की भराई का काम शुरू कर दिया। मामला सामने आने के बाद अब जांच की बात कही जा रही है।

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दरअसल नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 46 के  दुहाई गांव में एक श्मशान घाट का सौंदर्यीकरण और उसमें मिट्टी का भराव का काम होना था। जिसका टेंडर 12 फरवरी से 18 फरवरी के बीच डाला जाना था। लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि इससे पहले ही यहां मिट्टी डालने का काम शुरू कर दिया गया, जिसकी शिकायत भाजपा के निगम पार्षद हिमांशु मित्तल ने मुख्यमंत्री से लेकर नीचे के सभी अधिकारियों से की।

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10 दिन पहले ही शुरू कर दी मिट्टी डालनी
ई टेंडरिंग सिस्टम में 7 कंपनियों ने आवेदन किया, जिसके बाद सबसे निचली कॉस्ट की कंपनी को 19 फरवरी को टेंडर दिया गया।  तब तक पूरा मामला सामने आ जाने के बाद कंपनी के मालिक ठेकेदार चंद्र मोहन रघुवंशी ने जांच पूरी होने तक काम करने से इंकार कर दिया है। अभी तक की जांच में पता चला है कि  श्मशान घाट पर मिट्टी डालने का काम 10 दिन पहले से ही शुरू हो गया था।

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मेयर ने की जांच की मांग
अधिकारियों से सांठगांठ का मामला सामने आने के बाद अन्य पार्षद भी खुलकर सामने आने लगे हैं। पार्षद अजय शर्मा का कहना है कि अधिकारियों के मौखिक आश्वासन दिए जाने के बाद ही ऐसा हो सकता है। शमशान घाट में करीब 14 लाख रुपये में सौंदर्यीकरण और करीब 20 लाख रुपये में मिट्टी का भराव का कार्य किया जाना है लेकिन अब पूरा मामला सामने आने के बाद मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर जांच कराने के निर्देश दिए है।

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मुरादनगर श्मशान हादसे ने खोली थी सिस्टम की पोल
गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट  हादसे ने सिस्टम और भ्रष्टाचार के गठजोड़ की पोल खोल दी थी। निर्माण इतना घटिया था कि भरभरा कर गिर पड़ा और जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी। सभी को यह लगा कि इतना बड़ा हादसा हुआ है इतने लोगों की जान गई है तो हो सकता है कि अब शायद इस तरह का भ्रष्टाचार या इस तरह की चीजें देखने को ना मिले लेकिन यह लोगों का महज भ्रम था।

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