नई दिल्ली: सेना के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर पूर्व सैन्य अधिकारियों की ओर से कथित तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखी चिट्ठी पर बवाल शुरू हो गया है। कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति को ऐसी कोई भी चिट्ठी लिखने से इनकार किया है। आपको बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि सेना के 3 प्रमुखों समेत 156 पूर्व सैन्य अधिकारियों ने सेना के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है, लेकिन कई अफसरों ने ऐसी किसी भी चिट्ठी से इनकार किया है। पूर्व सैन्य अधिकारियों के इस इनकार के बाद अब एक नया विवाद छिड़ गया है।
‘फेक न्यूज का क्लासिक उदाहरण’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व आर्मी चीफ एस.एफ रॉड्रिग्स ने भी कहा है कि उन्हें ऐसी किसी भी चिट्ठी के बारे में जानकारी नहीं है। हैरानी की बात यह है कि पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम से सर्कुलेट हो रही चिट्ठी में सबसे पहला नाम जनरल रॉड्रिग्स का ही बताया जा रहा था। उन्होंने इस खबर को फेक न्यूज का क्लासिक उदाहरण करार दिया। उनके अलावा एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी ऐसी किसी चिट्ठी पर साइन करने की बात से इनकार किया है। वहीं, राष्ट्रपति भवन के सूत्र भी ऐसी कोई चिट्ठी मिलने से इनकार कर रहे हैं।
‘एडमिरल रामदास ने नहीं लिखी चिट्ठी’
वहीं, एयर चीफ मार्शल सूरी ने कहा, ‘इस लेटर को एडमिरल रामदास ने नहीं लिखा है। इसे किसी मेजर चौधरी ने लिखा है। अब इसे वॉट्सऐप और ईमेल किया जा रहा है। ऐसी किसी भी चिट्ठी को लेकर मेरी सहमति नहीं ली गई थी। इस चिट्ठी में लिखी चीजों से मैं सहमत नहीं हूं। हमारी राय को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।’ आपको बता दें कि कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा था कि पूर्व सैन्य अधिकारियों की ओर से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सेना के राजनीतिक इस्तेमाल और 'मोदी की सेना' जैसी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है।
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