जयपुर। राजस्थान प्रदेश सरकार करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज से जूझ रही है, लेकिन फिर भी गहलोत सरकार अत्याधुनिक मल्टी टरबाइन VVIP जेट विमान खरीदने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता मे तकनीकी कमेटी का गठन किया है।
हर दिन सरकार खजाने पर पड़ता है 2 से 3 लाख का भार
अभी तक राज्यपाल और मुख्यमंत्री किराये के विमान में सफर करने के कारण हर दिन सरकारी खजाने पर दो से तीन लाख रुपये तक का भार आता है। एक साल मे ही किराये में सरकार 50 लाख रुपये निजी कंपनी को भुगतान कर चुकी है लिहाजा ये निर्णय लिया गया है कि अब ये विमान खरीदा जाए लेकिन फंड की कमी आड़े आ रही है।
6 साल से किए जा रहे हैं अगस्ता हेलीकॉप्टर को बेचने के प्रयास
सरकार के पास मौजूद जिस अगस्ता हेलीकॉप्टर को बेचने का प्रयास 6 साल से किया जा रहा है उसके लिये अभी तक खरीदार ही नहीं मिले हैं। हालांकि पिछली वसुंधरा सरकार मे अगस्ता की नीलामी दर 12.40 करोड़ रुपये रखी गयी थी लेकिन अब इसकी कीमत 5 करोड़ रुपये तक रखी गयी है। सरकार के पास एक विमान सी 90 भी मौजूद है लेकिन तीन वर्ष पुराने इस विमान को वीवीआईपी उड़ानों के लिए काम में नहीं लिया जाता है, इस विमान को बेचने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
गुजरात सरकार ने खरीद है बोम्बार्डियर चैलेंजर 650
गहलोत सरकार ने गुजरात सरकार की तर्ज पर बोम्बार्डियर चैलेंजर 650 खरीदने का भी विचार किया था लेकिन गुजरात सरकार ने इसे 191 करोड़ मे खरीदा है और गहलोत सरकार के पास फंड की कमी की वजह से 80 करोड़ तक का बजट ही तय किया गया है।
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