नई दिल्ली: वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में स्लोडाउन और विमुद्रिकरण के प्रभावों के चलते वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में जीडीपी की दर गिरकर 5.7 फीसदी रह गई है। यह पिछले तीन साल के सबसे न्यूनतम स्तर पर है। इससे पहले की तिमाही में जीडीपी की दर 6.1 फीसदी दर्ज की गई थी। आपको बता दें कि वर्ष 2016--17 की पहली तिमाही में जीडीपी की दर 7.9 फीसदी थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान इसकी वृद्धि दर 6.1 फीसदी थी।
अगर हम जीडीपी की वृद्धि दर की तुलना एक साल पहले की समान तिमाही से करें तो इसमें काफी अधिक गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी।
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