नयी दिल्ली: पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद गौतम गंभीर ने राष्ट्रीय राजधानी में सीएए को लेकर हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि चाहे उनकी पार्टी के कपिल मिश्रा हों या कोई और, ‘‘भड़काऊ’’ भाषण देने वाले हर व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। सांसद ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से भी हिंसा में शामिल नहीं होने और सरकार से बात करने की अपील की। गंभीर ने पटपड़गंज के मैक्स अस्पताल में घायल पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘चाहे जो भी हो, चाहे किसी भी पार्टी का हो, चाहे कपिल मिश्रा हों या कोई और, जो भी भड़काऊ भाषण दे, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
उन्होंने शाहदरा के पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा, एसीपी अनुज जैन और हेड कांस्टेबल यशपाल से मुलाकात की। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान ये अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गंभीर ने कहा, ‘‘ अगर शांतिपूर्ण लोग वर्दी वाले लोगों के साथ ऐसा व्यवहार कर सकते हैं, तो फिर वे आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे। यह किस तरह का विरोध प्रदर्शन है।’’
उन्होंने कहा कि भड़काऊ भाषण स्वीकार्य नहीं है, चाहे वह कोई भी दे, चाहे वह भाजपा, आम आदमी पार्टी या कांग्रेस से ही क्यों न हो। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मिश्रा ने हाल में विधानसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ा था। उन्होंने जाफराबाद क्षेत्र के मौजपुर चौक पर सीएए के समर्थन में एक रैली का नेतृत्व किया था। दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर में सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह किसी राजनीतिक पार्टी का मामला नहीं है, यह दिल्ली के लोगों से जुड़ा मामला है जो शांतिपूर्ण तरीके से रहना चाहते हैं। किसी के भी खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वह कपिल मिश्रा हों या कोई और, जो इस तरह का भाषण दे। जो भी कार्रवाई की जाएगी, मैं उसका समर्थन करूंगा।’’
मिश्रा ने पुलिस से कहा था कि वह सीएए विरोधी लोगों द्वारा जाफराबाद और भजनपुरा क्षेत्रों में बंद की गईं सड़कों को तीन दिन के भीतर खाली कराएं और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह दोबारा सड़क पर आएंगे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सोमवार को शुरू हुई हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई और अनेक लोग घायल हो गए।
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