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Hindi News भारत राष्ट्रीय बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर फूटा लोगों का गुस्सा

बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर फूटा लोगों का गुस्सा

बताया जा रहा है कि वैचारिक मतभेद को लेकर गौरी लंकेश कुछ लोगों के निशाने पर थीं। पिछले साल भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी की तरफ से दायर मानहानि केस में गौरी लंकेश दोषी करार दी गईं थीं। प्रह्लाद जोशी ने 2008 में उनकी पत्रिका में भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ एक

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नई दिल्ली: मंगलवार शाम करीब आठ बजे अज्ञात हमलावरों ने बेंगलुरु के राजा राजेश्वरी नगर इलाके में हिंदुत्ववादी राजनीति के खिलाफ खुलकर विचार जाहिर करने वाली पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी। बदमाशों ने गौरी लंकेश पर तब अंधाधुंध फायरिंग की जब वो अपनी कार से उतरकर अपने घर जा रही थीं। उन्हें काफी करीब से गोलियां मारी गईं जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। चश्मदीद के मुताबिक, “मैं बाहर आया और देखा उनका शव जमीन पर गिरा है। उनकी कार बाहर पार्क की हुई थी। वो कार को पार्क करने के लिए अपने घर में घुसने ही वाली थी, लेकिन उससे पहले ही कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उनपर फायरिंग कर दी। उनके सीने और सिर पर गोली मारी गई। मुझे लगता है मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।“ ये भी पढ़ें: राम रहीम की ‘हनी’ को मुंबई में लगी हथकड़ी? जानें क्या है हनीप्रीत की गिरफ्तारी का सच

देखते ही देखते गौरी लंकेश के परिजन और उन्हें जानने वालों के साथ-साथ समर्थकों की भीड़ भी जमा हो गई और हत्या के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

कौन थीं गौरी लंकेश

-अपने बेबाक लेखों के लिए जानी जाने वाली
-गौरी लंकेश कन्नड़ भाषा की साप्ताहिक 'गौरी लंकेश' पत्रिका की संपादक थीं
-55 साल की गौरी कन्नड़ पत्रकार और फिल्मकार पी लंकेश की बेटी थीं
-वामपंथी विचारधारा से प्रभावित गौरी हिंदुत्ववादी राजनीति की मुखर आलोचक थीं

बताया जा रहा है कि वैचारिक मतभेद को लेकर गौरी लंकेश कुछ लोगों के निशाने पर थीं। पिछले साल भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी की तरफ से दायर मानहानि केस में गौरी लंकेश दोषी करार दी गईं थीं। प्रह्लाद जोशी ने 2008 में उनकी पत्रिका में भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ एक ख़बर पर आपत्ति जताई थी।

गौरी लंकेश को करीब से जानने वालों का आरोप है कि एक विचारधारा के खिलाफ आवाज बुलंद करने की कीमत गौरी को चुकानी पड़ी है। बैंगलुरू में गौरी लंकेश के समर्थक हत्या के खिलाफ सड़कों पर उतरे तो सोशल मीडिया पर भी इस हत्या की खूब आलोचना हो रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राहुल ने ट्वीट कर कहा, सच्चाई को कभी खामोश नहीं किया जा सकता...गौरी लंकेश हमारे दिलों में बसती हैं... मेरी संवेदनाएं और प्यार उनके परिवार के साथ हैं... दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी हत्या की निंदा की और इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि जानी-मानी पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। इस जघन्य अपराध की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। ये लोकतंत्र की हत्या है। उनके निधन से कर्नाटक ने एक मजबूत प्रगतिशील आवाज़ खो दी है और मैंने एक दोस्त खो दिया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गौरी लंकेश की हत्या को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' और 'खतरनाक' करार दिया।

बॉलीवुड राइटर जावेद अख्तर ने भी ट्वीट कर इस हत्या की निंदा करते हुए कहा कि दाभोलकर, पनसारे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश... अगर एक ही तरह के लोगों की हत्या हो रही है तो उनके हत्यारे कौन हैं?

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