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Hindi News भारत राष्ट्रीय पाकिस्तान की जेल में 36 साल बिताने के बाद जयपुर पहुंचे गजानंद शर्मा, हुई थी केवल 2 महीने की सजा

पाकिस्तान की जेल में 36 साल बिताने के बाद जयपुर पहुंचे गजानंद शर्मा, हुई थी केवल 2 महीने की सजा

पाकिस्तान ने कल दो दर्जन से अधिक भारतीयों को रिहा किया जिनमें गजानंद शर्मा भी शामिल हैं।

<p>Gajanand Sharma</p>- India TV Hindi Gajanand Sharma

जयपुर: जयपुर के गजानंद शर्मा पाकिस्तान की जेल से रिहा होने के बाद आज जयपुर पहुंच गए। शर्मा 36 साल पहले अचानक अपने घर से लापता हो गए थे। इसी साल उनके पाकिस्तान की जेल में बंद होने की जानकारी मिली। पाकिस्तान ने कल दो दर्जन से अधिक भारतीयों को रिहा किया जिनमें शर्मा भी शामिल हैं। गजानंद को छोटे समय के लिए सजा हुई थी लेकिन राजनयिक पहुंच नहीं होने कारण उन्हें 36 साल तक पाकिस्तान के जेल में गुजारना पड़ा।

गजानंद ने कल दोपहर वाघा-अटारी सीमा से भारत में प्रवेश किया। एक गैर सरकारी संगठन के कार्यकर्ता व जयपुर से सांसद रामचरण बोहरा के प्रतिनिधि उन्हें सड़क मार्ग से लेकर यहां पहुंचे। बोहरा के निवास पर स्वागत कार्यक्रम रखा गया। गजानंद के परिवार में उनकी पत्नी मखनी देवी के साथ-साथ पुत्र राकेश व मुकेश शर्मा का भरा पूरा परिवार है जो यहां के ब्रहृमपुरी इलाके में रहता है।

जयपुर की मखनी देवी के लिए सावनी तीज का त्योहार उनकी जिंदगी का सबसे खुशी का पल लेकर आया जब उन्होंने अपने पति को 36 साल बाद पाकिस्तान से भारत की सरजमीं पर कदम रखते हुए देखा। इतने साल तक मखनी देवी को तो यह भी पता नहीं था कि उनके पति सीमा पार की एक जेल में बंद हैं। जब गजानंद वाघा अटारी सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश कर रहे थे उस दृश्य को टीवी पर देख रही मखनी देवी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पायीं और फफक पड़ीं। उन्होंने एक टीवी चैनल पर कहा कि वे इतने साल बाद भी अपने पति को पहचान सकती हैं।

मखनी ने संवाददाताओं से कहा,'हां, वह मेरे पति हैं लेकिन वह बहुत दुबले पतले हो गए हैं। पाकिस्तान के कारण ही मेरे पति की यह खराब हालत है। जब वह लापता हुए थे तो वे पूरी तरह स्वस्थ थे।' मखनी ने जिस व्यक्ति को अपने पति गजानंद के रूप में पहचाना वह बहुत ही कमजोर दिख रहे थे और ठीक ढंग से चल भी नहीं पा रहे थे। बीएसएफ के जवान उनकी मदद कर रहे थे। परंपरागत रूप से सावन में पहने जाने वाली हरी लहरिया साड़ी पहने मखनी देवी ने कहा कहा, ‘‘वे उनसे जानना चाहेंगी वे पाकिस्तान कैसे पहुंचे। उनकी अनुपस्थिति के ये साल बहुत मुश्किल में गुजरे। उनके लिए मेरी उम्मीद हमेशा कायम रही।’’

गजानंद के छोटे बेटे मुकेश के अनुसार पिता की वापसी उनके परिवार के लिए एक सपना सच होने जैसा है। उन्होंने कहा कि हरियाली तीज पर उनकी मां के लिए यह सबसे बड़ा उपहार है। हरियाली तीज को भगवान शिव व देवी पार्वती के मिलन का उत्सव भी कहा जाता है। गजानंद के परिवार में उनकी पत्नी मखनी देवी के साथ साथ पुत्र राकेश व मुकेश शर्मा का भरा पूरा परिवार है।

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