नयी दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भाजपा शासित राज्य गुजरात द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़ाए गए जुर्माने में भारी कटौती करने को ज्यादा तूल नहीं देते हुए कहा कि यह मामला समवर्ती सूची का है और इसमें राज्य अपने फैसले लेने को स्वतंत्र हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंगलवार को यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में काफी कटौती कर दी है। राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना राशि को 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक कम किया गया है। संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत बढ़ा हुआ जुर्माना सितंबर से प्रभाव में आया है।
गडकरी ने कहा, ‘‘पहली बात यह है कि मोटर वाहन कानून समवर्ती सूची में है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बारे में कानून बनाने का अधिकार है। राज्य वहीं फैसला लेंगे जो उन्हें उचित लगेगा।’’ विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल पहले ही इस कानून को लागू करने से इनकार कर चुके हैं। गडकरी ने यहां होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया द्वारा भारत चरण छह मानक वाला स्कूटर एक्टिवा 125 पेश किए जाने के मौके पर कहा, ‘‘यदि राज्य जुर्माना घटाना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन लोगों का जीवन बचाया जाना चाहिए और दुघर्टनाओं में कमी लाई जानी चाहिए।’’
उन्होंने दोहराया कि सरकार की मंशा जुर्माना बढ़ाकर राजस्व जुटाने की नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जुर्माना बढ़ाने की वजह से राजस्व बढ़ता भी है तो यह राज्यों के खजाने में जाएगा। मोटर वाहन कानून के तहत जुर्माने में भारी बढ़ोतरी का बचाव करते हुए मंत्री ने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाकर लोगों की जिंदगी बचाना महत्वपूर्ण है। देश में हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है और तीन लाख अन्य घायल हो जाते हैं।
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