फ्रेंच हैकर का दावा, Aarogya Setu ऐप के 9 करोड़ यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में
कोरोनो वायरस के संक्रमण के प्रति लोगों को आगाह करने के लिये बनाये गये सरकारी ऐप आरोग्य सेतु को अब तक करीब नौ करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है लेकिन इसे लेकर एक फ्रेंच हैकर ने दावा किया है कि इस ऐप में एक खामी है जिसकी वजह से 9 करोड़ यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में है।
नई दिल्ली: कोरोनो वायरस के संक्रमण के प्रति लोगों को आगाह करने के लिये बनाये गये सरकारी ऐप आरोग्य सेतु को अब तक करीब नौ करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है लेकिन इसे लेकर एक फ्रेंच हैकर ने दावा किया है कि इस ऐप में एक खामी है जिसकी वजह से 9 करोड़ यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में है। इस फ्रेंच हैकर का नाम है रॉबर्ट बैप्टिस्ट (Robert Baptiste) जिसने कहा है कि उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप में बड़ी खामी ढूंढी है। उन्होंने एक ट्वीट में आरोग्य सेतु ऐप को टैग करते हुए कहा है, 'आरोग्य सेतु ऐप की सिक्योरिटी में खामी मिली है। 9 करोड़ भारतीय यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में है, क्या आप प्राइवेट में कॉन्टैक्ट कर सकते हैं।'
बता दें कि रॉबर्ट बैप्टिस्ट वही हैं जिन्होंने आधार लीक का खुलासा किया था। इसके अलावा भी दुनिया भर के कई डेटा लीक्स का ये खुलासा कर चुके हैं। इस ट्वीट के लगभग एक घंटे बाद उन्होंने एक बार फिर से ट्वीट किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि आरोग्य सेतू ऐप को लेकर उनके ट्वीट के 49 मिनट के बाद मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफॉर्मेशन टेक्नॉलजी ने उनसे संपर्क किया है।
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'मेरे ट्वीट के 49 मिनट के बाद कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम यानी CERT और नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की टीम ने संपर्क किया और मैने इस ऐप की खामी के बारे में उन्हें बताया है।' उन्होंने कहा है कि वो इस खामी के ठीक किए जाने का इंतजार कर रहे हैं और इसके बाद इसके बारे में बताएंगे।
गौरतलब है कि इस ऐप में जल्दी ही टेलीफोन के माध्यम से चिकित्सक के परामर्श की सुविधा जोड़ी जाने वाली है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी अभियान को मजबूती देने को लेकर सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिये आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है।
संगठनों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है कि यह ऐप सभी कर्मचारियों के फोन में हो। कांत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आरोग्य सेतु ऐप को अब तक करीब नौ करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। इसमें टेलीमेडिसिन (टेलीफोन के माध्यम से चिकित्सक के परामर्श) की सुविधा को जोड़ा जा रहा है।" यह मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं को यह जानने में मदद करता है कि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा है या नहीं।
यह कोरोनो वायरस के संक्रमण से बचने के तरीकों सहित महत्वपूर्ण जानकारी भी लोगों को प्रदान करता है। कांत कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय के लिये बनाये गये ‘अधिकार प्राप्त समूह 6’ के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि समूह-6 अब तक एनजीओ दर्पण मंच से 92 हजार से अधिक एनजीओ तथा सामाजिक संगठनों (सीएसओ) को जोड़ चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘समूह-6 ने एनजीओ और सीएसओ से अपील की है कि वे राज्यों और जिलों को हॉटस्पॉट की पहचान करने, स्वयंसेवकों को जमीन पर उतारें और जरूरतमंद लोगों की मदद करें।’’ कांत ने यह भी बताया कि भारत के 112 पिछडे़ जिले कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अब तक इन 112 जिलों में लगभग 610 मामले हैं, जो दो प्रतिशत के संक्रमण के राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।" केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार तक कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,389 और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 42,836 हो गयी।