नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने फिर से तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के चार सांसदों को सदन में 'गंभीर अव्यवस्था' का माहौल बनाने के कारण लगातार दो बैठकों के लिए निलंबित कर दिया। अध्यक्ष ने ये कदम तब उठाया जब तेदेपा सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और अन्नाद्रमुक सदस्य कर्नाटक में कावेरी नदी पर प्रस्तावित बांध के निर्माण को रोकने की मांग करते हुए उनके आसन के पास पहुंच कर नारेबाजी और हंगामा करने लगे।
हंगामे के चलते सदन में प्रश्नकाल आगे नहीं बढ़ सका था जिसके बाद महाजन ने दोपहर 12 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी थी। सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तब भी स्थिति जस की तस रही। महाजन ने चेतावनी दी और अन्नाद्रमुक के नेता पी वेणुगोपाल और तेदेपा के एन शिवप्रसाद सहित दोनों पार्टियों के चार सदस्यों को निलंबित कर दिया। पिछले सप्ताह महाजन ने अन्नाद्रमुक और तेदेपा के 45 लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया था।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "आप सदन के वेल में आ गए हैं, आप लगातार नियमों का दुरुपयोग कर रहे हैं और कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। आपके द्वार लगातार बाधा डालने से अव्यवस्था फैल रही है। इसलिए, मैं नियम 374ए के तहत आपका नाम देने के लिए विवश हूं।" उन्होंने कहा, "इसलिए, वे सभी आरसीए 374ए के प्रावधान के तहत सत्र की लगातार दो बैठकों के लिए सदन की कार्यवाही से स्वत: रूप से निलंबित हैं।"
महाजन ने निलंबित सदस्यों से सदन से जाने का अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं माने और अपना विरोध जारी रखा। इसके बाद महाजन ने सदन की कार्यवाही को अपरान्ह 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था।
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