नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प के संबंध में चार मामले दर्ज किये गये हैं। इस घटना में 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हुए हैं जबकि कई वाहनों में तोड़फोड़ की गयी या उनमें आग लगा दी गयी। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने बताया कि तीस हजारी अदालत के जिला न्यायाधीश, दो वकीलों और घटना में घायल हुए दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल की अलग-अलग शिकायतों पर ये मामले दर्ज किये गये।
इस बीच मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने रविवार को केंद्र, दिल्ली पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए इस संबंध में उनसे जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता में एक पीठ ने घटना को लेकर मीडिया में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए झड़प में शामिल पुलिस अधिकारियों को अदालत में अपराह्न तीन बजे उपस्थित रहने का आदेश दिया।
अदालत दिन में तीन बजे सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई शुरू होने पर दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को बताया तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों के साथ झड़प में कथित रूप से शामिल एक एएसआई को निलंबित और अन्य का तबादला कर दिया गया है। वहीं अदालत ने मामले में अपने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया है।
दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि मामले की जांच अपराध शाखा के विशेष जांच दल को सौंप दी गई है। दोपहर साढ़े 12 बजे मुख्य न्यायाधीश ने जब उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों एवं दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक खत्म की तब उन्होंने मामले में तत्काल सुनवाई शुरू करने का फैसला किया था।
प्रवक्ता ने बताया कि जिला न्यायाधीश की शिकायत पर सार्वजनिक कामकाज के निर्वहन में लोक सेवक के कार्य में बाधा डालने, हमला और दंगा करने के आरोपों पर एक शिकायत दर्ज की गयी है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक महिला वकील समेत दो वकीलों की शिकायत पर दो मामले दर्ज किये गये। शिकायत में हत्या का प्रयास, जानबूझकर नुकसान पहुंचाने, गलत इरादे से बंधक बनाना, आपराधिक धमकी, चोरी और किसी महिला की गरिमा को भंग करने के इरादे से उस पर आपराधिक बल प्रयोग का आरोप लगाया गया है।
मित्तल ने बताया कि घटना में घायल एक पुलिस कांस्टेबल की शिकायत पर अन्य मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में सार्वजनिक कामकाज के निर्वहन में एक लोकसेवक को बाधा पहुंचाने, हमला करने, हत्या के प्रयास, दंगा और लूटपाट के आरोप लगाये गये हैं। शनिवार को पार्किंग के मुद्दे को लेकर वकीलों एवं पुलिस के बीच विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। पुलिस ने बताया कि घायल 20 पुलिसकर्मियों में दो थाना प्रभारी और एक अतिरिक्त आयुक्त शामिल हैं। पुलिस ने दावा किया कि घटना में आठ वकील घायल हुए हैं।
हालांकि, वकीलों का दावा है कि पुलिस ने जो आंकड़ा बताया है उससे अधिक संख्या में उनके सहकर्मी घायल हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस की गोली लगने से दो वकील घायल हुए हैं जबकि पुलिस ने गोलीबारी के आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उसने हवा में गोली चलायी थी।अधिकारियों ने बताया कि 12 मोटरसाइकिल और उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वाहन समेत पुलिस के नौ वाहनों की तोड़फोड़ हुई है। बार एसोसिएशन ने घटना की निंदा करते हुए चार नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में सभी जिला अदालतों में एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।
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