हैदराबाद: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष और अब भाजपा में शामिल हो चुके जी माधवन नायर ने बुधवार को कहा कि भारत के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल क्षमता एक दशक पहले से थी, लेकिन उस वक्त इसे प्रदर्शित करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव था। उन्होंने कहा कि जब चीन ने 2007 में एक मिसाइल प्रक्षेपित कर एक पुराने मौसम उपग्रह को नष्ट कर दिया था, उस वक्त भारत के पास ऐसे ही मिशन को अंजाम देने की प्रौद्योगिकी थी।
नायर ने बताया, ‘‘...अब मोदी जी (प्रधानमंत्री) ने पहल की है। उनमें राजनीतिक इच्छाशक्ति और यह कहने का साहस है कि हम ऐसा करेंगे। हमने अब यह पूरी दुनिया को दिखा दिया है।’’ गौरतलब है कि नायर 2003 से 2009 तक इसरो और अंतरिक्ष आयोग के प्रमुख रहे और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के तौर पर भी सेवाएं दी।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत 2007 में ही एंटी-सैटेलाइट मिसाइल क्षमता प्रदर्शित कर सकता था, इस पर नायर ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर। लेकिन आगे कदम बढ़ाने के राजनीतिक निर्णय के अभाव में ऐसा नहीं किया जा सका।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब मोदीजी ने साहसिक रूप से यह निर्णय किया।’’
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