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Hindi News भारत राष्ट्रीय पूर्व CJI रंजन गोगोई आज राज्यसभा सदस्यता की लेंगे शपथ, पीएम और गृह मंत्री भी रहेंगे मौजूद

पूर्व CJI रंजन गोगोई आज राज्यसभा सदस्यता की लेंगे शपथ, पीएम और गृह मंत्री भी रहेंगे मौजूद

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आज राज्यसभा सदस्यता की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।

Ranjan Gagoi- India TV Hindi Image Source : PTI Ranjan Gagoi

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आज राज्यसभा सदस्यता की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार देर शाम नोटिफिकेशन जारी की गई थी। 

राज्यसभा के सूत्रों ने कहा कि वे बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे शपथ लेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की अनुशंसा पर सोमवार को गोगोई को राज्यसभा के लिये मनोनीत किया था। गोगोई ने अपने कार्यकाल में अयोध्या भूमि विवाद, राफेल लड़ाकू विमान और सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश समेत कई अहम मामलों पर फैसला सुनाने वाली पीठ की अध्यक्षता की थी। गृह मंत्रालय ने सोमवार रात अधिसूचना जारी कर गोगोई को उच्च सदन के लिये मनोनीत करने की घोषणा की थी। 

आपको बता दें कि राष्ट्रपति की ओर से राज्यसभा में 12 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं। ये सदस्य अलग-अलग क्षेत्रों की कोई भी जानी मानी हस्तियां हो सकती हैं।  रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को CJI के पद से रिटायर हुए थे। इस पद पर उनका कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा। अपने कार्यकाल में उन्होंनें कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से कुछ ऐतिहासिक फैसले थे। ऐतिहासिक फैसलों में राम मंदिर का फैसला भी रहा।

रिटायर होने से पहले रंजन गोगोई की अध्यक्षता में बनी बेंच ने ही अयोध्या के विवादित स्थल पर फैसला सुनाया था। अयोध्या के अलावा उन्होंने असम एनआरसी, राफेल और सीजेआई ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने के मामले में भी फैसला सुनाया। बतौर सीजेआई गोगोई का कार्यकाल कुछ विवादों और व्यक्तिगत आरोपों से भी भरा रहा।

उन पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप भी लगे। हालांकि, बाद में वह आरोपों से मुक्त भी हो गए। इसके अलावा वह रोस्टर विवाद को लेकर ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले 4 जजों में भी शामिल थे। वह जनवरी 2019 में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा के काम के तरीके पर सवाल उठाने वाले जजों के समूह के सबसे वरिष्ठ जज थे।

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