नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात की। टिलरसन पहली बार आधिकारिका दौरे पर भारत आए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, "रणनीतिक साझेदारी सुदृढ़। सुषमा स्वराज ने अमेरिकी विदेश मंत्री टिलरसन का स्वागत किया। टिलरसन विदेश मंत्री के तौर पर पहली बार भारत आए हैं।" टिलरसन के यहां मंगलवार शाम को आने से पहले भारत-अमेरिका संबंध को लेकर उनके सकारात्मक व दूरगामी बयान की वजह से इस बैठक की अहमियत काफी बढ़ गई है।
टिलरसन ने सोमवार को अफगानिस्तान के अपने अघोषित दौरे के दौरान कहा था कि अमेरिका की कोशिश है कि भारत के साथ इसके संबंध की संभावनाएं सिर्फ दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं हों, बल्कि पाकिस्तान से संबद्ध क्षेत्रीय हितों से उपर उठकर हिंद व प्रशांत महासागर और वैश्विक महत्ता के फैले हुए क्षेत्र तक हों। टिलरसन ने कहा, "हमारे भारत के साथ संबंध का दृष्टिकोण न सिर्फ खास क्षेत्र के लिए रणनीतिक महत्व का है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र जोकि जापान से भारत तक फैला हुआ है, से संबंधित है। इसलिए यह विस्तृत संबंध है।"
पिछले सप्ताह वाशिंगटन में रणनीतिक एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र में 'अगली शताब्दी के लिए भारत के साथ हमारे संबंधों के निर्धारण' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के मुख्य भू-राजनैतिक व सामरिक मामलों पर वाशिंगटन की स्थिति को स्पष्ट किया था। उन्होंने कहा था कि ट्रंप प्रशासन भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा था कि भारत के समर्थन में वह सब कुछ करेगा जिसकी जरूरत है।
उन्होंने कहा था कि चीन के भड़काऊ कृत्य अंतर्राष्ट्रीय कानून व सिद्धांतों के विरुद्ध है और इसके खिलाफ भारत और अमेरिका खड़े हैं। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन पाकिस्तान से यह अपेक्षा करता है कि वह अपने क्षेत्र में आतंकवादी संगठनों पर 'निर्णायक कार्रवाई' करे।
टिलरसन ने मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के साथ इस्लामाबाद में मुलाकात के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस संदेश के बारे में बताया जिसमें वह चाहते हैं कि पाकिस्तान देश के भीतर आतंकवादियों के खात्मे के लिए प्रयास को बढ़ाए।
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