नई दिल्ली: चारा घोटाला के एक मामले में दोषी करार दिए गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की सजा पर सीबीआई की विशेष अदालत कल फैसला सुनाएगी। वरिष्ठ वकील बिंदेश्वरी पाठक के निधन के कारण बुधवार को कोर्ट की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और सजा पर फैसला आज तक के लिए टल गया। अदालत की कार्यवाही प्रारंभ होते ही रांची बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि उनके सहयोगी बिंदेश्वरी प्रसाद का निधन हो गया है लिहाजा दोपहर बाद वकील अदालती कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे।
इस बीच लालू के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने लालू एवं अन्य सभी 15 अभियुक्तों की अदालत में उपस्थिति के बीच लालू प्रसाद यादव की अधिक उम्र एवं स्वास्थ्य का हवाला देकर उन्हें कम से कम सजा दिये जाने का अनुरोध किया। अदालत के बाहर चितरंजन प्रसाद ने मीडिया से कहा कि अदालत ने इस मामले में सजा के बिन्दु पर अब कल सुनवाई की बात कही है। अतः लालू यादव समेत सभी अभियुक्तों को वापस न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया। इस मामले में कल सजा सुनाई जा सकती है।
अदालत ने इन सभी को 23 दिसंबर को इस मामले में दोषी करार देते हुए बिरसा मुंडा जेल भेज दिया था जबकि इसी मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत छह लोगों को भारी राहत दी थी एवं निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत को आज दिन में ग्यारह बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिये गये सभी 16 लोगों की सजा के बिन्दु पर बहस सुनना था। जिन आरोपियों को अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिया है उनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा, तीन आइएएस अधिकारी तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह, पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस एवं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी महेश प्रसाद भी शामिल हैं।
लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पूर्व कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और इस फैसले के खिलाफ वह उच्च न्यायालय जायेंगे जहां उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
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