नई दिल्ली: एक पुरानी कहावत है ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’ और हुआ भी कुछ ऐसा ही। हुआ यूं कि टॉयलेट में जन्मीं एक नवजात को उसकी मां ने फ्लश कर दिया और करीब 2 घंटे बाद उसे सीवेज टैंक से सुरक्षित निकाला गया। मामला भोपाल के चंबल के शेओपुरा जिले का है जो पहले ही कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम है। दरअसल 24 वर्षीय महिला बबीता गुर्जर गर्भवती थी और आठवां महीना पूरा हो चुका था। मंगलवार की दोपहर वह टॉयलेट गई। इस दौरान उसे रक्त स्त्राव हुआ और गर्भ में पल रही बालिका टॉयलेट में गिर गई। टॉयलेट में गिरते ही बालिका सीधे टैंक में जा पहुंची जिसकी खबर भी महिला को नहीं हुई। जब महिला को तेज दर्द हुआ तो पति उसे विजयपुर अस्पताल ले आया। ये भी पढ़ें: अमेरिका में बना सबसे बड़ा हिंदू मंदिर? जानिए दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर का सच
लेकिन जब डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो गर्भ खाली पाया। बबीता ने डॉक्टरों को बताया कि वह सुबह शौच के लिए गई थी। डॉक्टरों ने तुरंत उसके घर पर एक एंबुलेंस भेजी। एंबुलेंस का ड्राइवर फौरन उनके टॉयलेट में घुसा और सुना की टैंक से किसी की रोने की आवाज आ रही है। उसने जैसे ही सेफ्टी टैंक का ढक्कन खोला तो उसमें बच्चा तैर रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही थी।
तत्काल बालिका को बाहर निकालकर उसे ऑक्सीजन लगाया गया। इसके बाद अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टर ने चेकअप के बाद उसकी हालत में सुधार बताया। डॉक्टर ने कहा, यह एक चमत्कार है कि बच्ची करीब 2 घंटे तक सीवेज में थी। शिशु को अस्पताल ले जाया गया और नवजात आईसीयू में भर्ती कराया गया, वह अब स्थिर है। हालांकि डॉक्टर और पुलिस को अब भी एक सवाल के जवाब की तलाश है कि आखिर गर्भनाल कैसे काटी गई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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