नई दिल्ली: पिछले चार दिनों से कश्मीर से लेकर हिमाचल तक मॉनसून की भारी बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश का अब असर भी दिखने लगा है। कश्मीर के सभी नदी-नाले उफान पर हैं। दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में बाढ़ का अलर्ट भी जारी किया गया है। बाढ़ की वजह झेलम नदी का ओवर फ्लो होना है। कुलगाम और शोपियां इलाके में झेलम खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कुलगाम के पास नदी पर बने दो पुल भी सैलाब के पानी में बह गए।
कुलगाम में तो भारी बारिश के बाद अरबाल झरने ने भी विकराल रूप ले लिया है। हालत ये हो गए कि झरने के पास बने रिजॉर्ट के गेट और दीवार को भी झरने का पानी बहा ले गया जिसके बाद रिजॉर्ट्स में रह रहे टूरिस्टों में हड़कंप मच गया। लगातार हुई बारिश के बाद नदी का जल स्तर इतनी तेज़ी से बढ़ा कि नदी के आसपास के इलाकों में रहने वाले घरों को खाली नहीं कर पाए। उनका सामान भी बाढ़ का पानी बहा ले गया। कुलगाम और शोपियां में करीब 35 फीसदी आबादी बाढ़ की चपेट में आ गयी है।
श्रीनगर में भी झेलम नदी का जल स्तर लगातार तेज़ी से बढ़ रहा है। नदी में पानी बढ़ने से कई बोट्स को नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश की वजह से जगह जगह लैंडस्लाइड भी हुआ। सबसे ज्यादा डिगडोल रामबन में पहाड़ के टुकड़े खिसक कर सड़कों पर गिरे जिससे 300 किलोमीटर लंबे श्रीनगर- जम्मू हाईवे को बंद कर दिया गया है।
बारिश का असर अमरनाथ यात्रियों पर भी पड़ा है। नुनवान बेस कैंप और बालटाल में यात्रा रोक दी गयी है। खबर है कि बालटाल के पास सौ मीटर का ट्रैक बारिश में बह गया है, इसके साथ पैदल यात्रियों के लिए बना एक पुल भी बह गया। इसी वजह से अमरनाथ यात्रियों के रोका गया गया। बाढ़ के खतरे को देखते हुए कश्मीर में सेना, पुलिस और फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट को भी अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 48 घंटे बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
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