इलाहाबाद: रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम- उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) के तहत उत्तर प्रदेश में पहली उड़ान सेवा इलाहाबाद से 14 जून को शुरू होगी। जेट एयरवेज द्वारा शुरू की जा रही उड़ान सेवा का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं। जेट एयरवेज के डिप्टी सीईओ एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी अमित अग्रवाल ने बताया कि कंपनी उड़ान योजना के तहत 14 जून को इलाहाबाद से पटना और इलाहाबाद से लखनऊ के बीच उड़ानें शुरू कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चूंकि प्रदेश में उड़ान योजना के तहत यह पहली उड़ान है, तो पूरी संभावना है कि इसका उद्घाटन स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करें। (शिलांग में रविवार को 7 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील, प्रतिबंध जारी )
उन्होंने बताया कि जेट एयरवेज को आरसीएस के तहत चार मार्ग- इलाहाबाद, नागपुर, इंदौर और बरेली आबंटित किए गए हैं जिसमें इलाहाबाद से लखनऊ और पटना के लिए उड़ानें 14 जून को शुरू हो रही हैं, जबकि इलाहाबाद से नागपुर और इंदौर के लिए उड़ानें 16 जून से शुरू होंगी। अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में घरेलू हवाई यातायात में 64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। हमें उत्तर प्रदेश में विद्यार्थी वर्ग, कामकाजी वर्ग और तीर्थ यात्री वर्ग में हवाई यात्रा को लेकर जबरदस्त संभावनाएं देखने को मिली हैं। उन्होंने बताया, “हम उड़ान योजना के तहत 72 सीट वाले एटीआर विमान को उपयोग में लाएंगे जिसमें आरसीएस के लिए 36 सीटें हैं। हमने बरेली के लिए भी बोली लगाई थी और यह रूट हमें मिला भी है, लेकिन वहां का हवाईअड्डा अभी उड़ान लायक नहीं है।”
उड़ान योजना के बारे में अग्रवाल ने कहा, “आज देश की केवल दो प्रतिशत आबादी हवाई यात्रा करती है। हमारी इच्छा है कि हम बाकी लोगों को भी हवाई यात्रा का अनुभव कराएं। इलाहाबाद स्मार्ट सिटी होने जा रहा है। यह अकेले दम पर स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता। बाहर के लोग हवाई संपर्क होने पर ही यहां आएंगे।” उल्लेखनीय है कि दूसरे दौर की बोली में इंडिगो ने 20 मार्गों, स्पाइसजेट ने 17 मार्गों और जेट एयरवेज ने 4 मार्गों के लिए उड़ान शुरू करने की मंजूरी हासिल की। इसमें इंडिगो की बेंगलूरू-इलाहाबाद-पुणे, नागपुर-भुवनेश्वर-इलाहाबाद, मुंबई-इलाहाबाद, हिंडन-इलाहाबाद-देहरादून, हिंडन-गोरखपुर-इलाहाबाद सेवा शामिल हैं।
इसी तरह, स्पाइसजेट उड़ान योजना के तहत आगामी 3 जुलाई से कानपुर-दिल्ली-कानपुर मार्ग पर उड़ान सेवा शुरू करने जा रही है। कंपनी को बोली के प्रथम दौर में यह मार्ग हासिल हुआ था। सरकार आरसीएस उड़ानों के लिए विमानन कंपनियों और हेलीकाप्टर परिचालकों को सब्सिडी उपलब्ध कराने में 620 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उड़ान के दूसरे दौर से देश में 43 हवाईअड्डों और हेलीपैड के जुड़ने की संभावना है जिसमें पूर्वोंत्तर और पहाड़ी राज्य शामिल हैं।
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