फ्लैशबैक 2018: चुनाव की वे खबरें जो बनीं सुर्खियां, देश में हुए सियासी उलटफेर पर एक नज़र
वर्ष 2018 में कुल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए जहां सत्ता में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। कई राज्यों में जहां डेढ़ दशक से किसी पार्टी विशेष का बोलबाला था वहां उसे इस बार जनता ने खारिज कर दिया और दूसरे दलों को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया।
वर्ष 2018 में कुल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए जहां सत्ता में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। कई राज्यों में जहां डेढ़ दशक से किसी पार्टी विशेष का बोलबाला था वहां उसे इस बार जनता ने खारिज कर दिया और दूसरे दलों को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाया। त्रिपुरा में लंबे अर्से तक वाम दलों का राज था लेकिन वर्ष 2018 के चुनाव में प्रदेश में पहली बार भगवा लहर देखने को मिली और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रदेश में पहली बार सत्ता हासिल हुई। वहीं साल के अंत में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को तीन राज्य अपने हाथ से गंवाने पड़े। आइये चुनाव से जुड़ी उन 10 खबरों पर नजर डालते हैं जो इस साल सुर्खियों में रहीं।
1. त्रिपुरा में भगवा लहर
फरवरी में त्रिपुरा में संपन्न विधानसभा चुनाव में राज्य में 25 साल से सत्ता पर काबिज माणिक सरकार की अगुवाई वाली वाम दलों का सूपड़ा साफ हो गया और सूबे में पहली बार बीजेपी की सरकार सत्ता में आई। भाजपा अपने दम पर पैंतीस सीट लाई है, जबकि चुनाव में उसकी सहयोगी रही इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा यानि IPFT को आठ सीटें मिली हैं। 48 साल के बिप्लव देब त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बने।
2. मेघालय और नागालैंड चुनाव
फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में 21 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। नेशनल पीपल पार्टी (NPP) को राज्य में 19 सीटें मिली हैं। 6 सीटें जीतने वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) ने एनपीपी को समर्थन किया। वहीं पीडीएफ की 4 और बीजेपी-एचएसपीडीपी की 2-2 सीटे हैं। उन्होंने भी एनपीपी को समर्थन दिया। एक निर्दलीय विधायक ने भी एनपीपी को समर्थन दिया। कॉनराड संगमा मेघालय के नए मुख्यमंत्री बने। वहीं नागालैंड में यूनाईटेड डेमोक्रेटिक पार्टी को जीत हासिल हुई।
3. यूपी-राजस्थान लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को झटका
वर्ष 2018 के मार्च महीने में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी का करारा झटका लगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। दोनों ही सीटों पर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बड़े अंतर से जीत अर्ज की थी। राजस्थान के अजमेर और अलवर में हुए लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। इससे पहले ये दोनों सीटें भाजपा के पास थीं।
4. कर्नाटक विधानसभा चुनाव
मई 2018 में कर्नाटक की 222 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में 104 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी। जबकि सत्ताधारी कांग्रेस को 78 सीटें ही मिलीं। जेडीएस को 37 और बसपा को एक सीट हासिल हुई। यहां कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनायी और एचडी कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बने।
5. राज्यसभा चुनाव
मार्च में राज्यसभा की 58 सीटों के लिए चुनाव में बीजेपी ने 28 सीटें जीतकर राज्यसभा में अपनी उपस्थिति मजबूत कर ली। 7 राज्यों से राज्यसभा की 59 सीटें खाली हुई थीं। जिसमें 10 राज्यों के 33 प्रत्याशी निर्विरोध चुने लिए गए थे। इन निर्विरोध चुने गए सांसदों में केवल बीजेपी के 16 उम्मीदवार थे। बीजेपी ने इस चुनाव में कुल 28 सीटें जीती हैं।
6. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव
मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए हुए चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा लगातार चौथी बार सरकार बनाने से चूक गई। बीजेपी को 2013 में मिले 165 के मुकाबले महज 109 सीटें ही मिलीं, जबकि मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्द की। अन्य दलों के सहयोग से कांग्रेस ने यहां सरकार बनायी और कमलनाथ राज्य के नये मुख्यमंत्री बने।
7. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा विधानसबा की 90 सीटों में से केवल 15 सीटें ही जीत पायी, जबकि कांग्रेस 68 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ गयी। भूपेश बघेल राज्य के नये मुख्यमंत्री बने।
8. राजस्थान विधानसभा चुनाव
विधानसभा की 199 सीटों में से कांग्रेस 99 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जबकि पिछले चुनाव में 163 सीटें जीतने वाली भाजपा केवल 73 सीटों पर सिमट कर रह गई। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक फिर राज्य की सत्ता संभाली।
9. तेलंगाना विधानसभा चुनाव
तेलंगाना में सत्ताधारी दल तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज की और के चंद्रशेखर राव एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने।
10. मिजोरम विधानसभा चुनाव
जोरम में 40 सीटों के लिए हुए चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने सबसे ज्यादा 26 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को महज पांच सीटें ही मिलीं। जबकि पिछले चुनाव में उसे 34 सीटें हासिल हुई थी।